लखनऊ, एबीपी गंगा। बिहार के कुछ जिलों में इंसेफेलाइटिस या दिमागी बुखार ने सैकड़ों बच्चों की जान ले ली है। उत्तर प्रदेश भी इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों का गवाह रहा है। हर साल यहां भी सैकड़ों बच्चों की मौत हो जाती थी। योगी सरकार की कोशिशों के बाद मौत के आंकड़ों में 63 फीसदी कमी आई है। दरअसल, इंसेफेलाइटिस को लेकर सरकार ने दस्तक अभियान शुरू किया था। इस अभियान की सफलता के बाद योगी सरकार ने दस्तक अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की है। इस अभियान को 10 और जिलों में प्रभावी ढंग से चलाया जाएगा।
सोमवार को लखनऊ के लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये अभियान अब गोरखपुर, बस्ती मंडल के साथ लखनऊ और देवीपाटन मंडल के दस और जिलों में चलाया जाएगा। सीएम ने आगे कहा कि पिछले 40 सालों से हर साल गोरखपुर और उसके आसपास के जिलों के सैकड़ों बच्चे अपनी जान गंवा देते थे, क्योंकि वो गरीब थे लाचार थे इसलिए पिछली सरकारों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब मैं प्रदेश का सीएम बना तो ये ठान लिया था कि इस दिमागी बुखार को खत्म करना है। इसी के तहत इस अभियान को पहले गोरखपुर और बस्ती के सात जिलों में शुरू किया गया।
सीएम ने बताया, मंदिर प्रांगण में क्यों खुला अस्पताल
सीएम योगी ने इस बात का भी खुलासा किया कि गोरखपुर में उन्होंने मंदिर प्रांगण में अस्पताल क्यों खुलवाया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 20-21 वर्षों से लगातार वो इस बीमारी को लेकर सड़क से संसद तक आवाज उठाते रहे और जब किसी ने नहीं सुनी तो थक हार कर खुद ही मंदिर में अस्पताल खुलवाया और वहां प्लेटलेट्स का इंतजाम कराया। इतना ही नहीं बल्कि मरीजों के लिए अलग वार्ड का भी इंतजाम कराया।
बतादें कि दस्तक अभियान के तहत 15 वर्ष तक के बच्चों के परिजनों को जापानी इंसेफेलाइटिस और एईएस के बारे में ट्रेंड हेल्थ वर्कर जानकारी देंगे। ये अभियान पूरे महीने चलाया जाएगा। पूरे देश में दिमागी बुखार के पीड़ितों में 75 फीसदी मरीज यूपी के होते हैं।