(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
2 दिसंबर को लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड की लिस्टिंग, मुंबई जाएंगे सीएम योगी, उद्योगपतियों के साथ करेंगे बैठक
लखनऊ नगर निगम के बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में लॉन्च बॉन्ड की लिस्टिंग होने वाली है. ये लिस्टिंग मुंबई में 2 दिसंबर को होगी और इस मौके पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद होंगे.
लखनऊ: यूपी देश में निवेश का हब बने. प्रदेश सरकार लगातार इसी कोशिश में जुटी हुई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिश है कि इन्वेस्टर फ्रेंडली स्टेट के रूप में यूपी को डेवलप किया जाए. यही वजह है कि लगातार सरकार का फोकस निवेश पर रहता है. अब योगी आदित्यनाथ 2 दिन के मुंबई दौरे पर जा रहे हैं जहां वो लखनऊ नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड के बीएससी में लिस्टिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे साथ ही प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेश हो इसे लेकर देश के बड़े उद्योगपतियों के साथ बैठक भी करेंगे.
एक दिसंबर को मुंबई के लिए रवाना होंगे सीएम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिसंबर को मुंबई के लिए रवाना होंगे, जहां 2 दिसंबर को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में लखनऊ नगर निगम के म्युनिसिपल बॉन्ड की ऑफिशियल लिस्टिंग होगी. दरअसल, इसी महीने 200 करोड़ का म्युनिसिपल बॉन्ड लखनऊ नगर निगम ने जारी किया था. जिसकी अब मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बीएससी में लिस्टिंग होगी. इसे नगर निकायों की आर्थिक दशा को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया जा रहा है. लखनऊ नगर निगम के बाद अब प्रदेश के दूसरे नगर निगम भी जल्दी अपना म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करेंगे. हालांकि, इससे पहले देश के 10 नगर निगम अपना म्युनिसिपल बॉन्ड जारी कर चुके हैं.
नगर निगम की आर्थिक स्थिति सुधरेगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब साल 2018 में इन्वेस्टर्स सम्मिट में शामिल होने के लिए लखनऊ आए थे तब उन्होंने इस बात की घोषणा की थी कि लखनऊ और गाजियाबाद नगर निगम अपने म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करेंगे. दरअसल, इसके जरिए नगर निगम अपने बॉन्ड को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट करता है जहां पर बड़ी-बड़ी कारपोरेट कंपनियां उसके बॉन्ड में निवेश करती हैं और इसका फायदा उन शहरों को मिलता है. अब लखनऊ नगर निगम के बॉन्ड की लिस्टिंग के बाद न केवल नगर निगम की आर्थिक स्थिति सुधरेगी बल्कि कारपोरेट की मदद से विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे. दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की कोशिश है कि यूपी को वन ट्रिलियन कि इकॉनमी बनाया जाए और इसीलिए लगातार तमाम नए कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. फिर चाहे वो ओडीओपी योजना हो या फिर एमएसएमई सेक्टर में सुविधाएं देना. इसका फायदा भी कोरोना काल में प्रदेश सरकार को मिला है.
उद्योगपतियों के साथ बैठक करेंगे सीएम उत्तर प्रदेश में निवेश के रास्ते बीजेपी ने सत्ता में आने के साथ ही खोल दिए थे. साल 2018 में जब इन्वेस्टर्स समिट हुआ उसके बाद ही सरकार ने ये तय कर रखा था कि यूपी को इन्वेस्टर्स फ्रेंडली हब के रूप में विकसित किया जाएगा और लगातार इसे लेकर कई नई योजनाएं भी शुरू की गई. 2019 में भी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी लखनऊ में ही हुई. ऐसी कुछ योजना साल 2020 के लिए भी थी लेकिन कोरोना के चलते वो समिट नहीं हो पाई. हालांकि, अब मुख्यमंत्री जब 2 दिन के मुंबई दौरे पर जा रहे हैं तो वहां देश के बड़े उद्योगपतियों जिनमें रतन टाटा, आदित्य बिरला जैसे इंडस्ट्रलिस्ट शामिल हैं उनके साथ भी बैठक कर यूपी में निवेश का रोड मैप साझा करेंगे.
इज ऑफ डूइंग बिजनेस में दूसरे नंबर पर पहुंचा यूपी उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए सरकार ने जो इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप किया है उसी का असर है कि इंडस्ट्रलिस्ट उत्तर प्रदेश की ओर अपना रुख कर रहे हैं और इज ऑफ डूइंग बिजनेस में प्रदेश दूसरे नंबर पर पहुंचा है. यानी उत्तर प्रदेश में उद्योग लगाने में उद्योगपति आब रुचि ले रहा है और सरकार इसे अपनी बड़ी उपलब्धि बता रही है. इतना ही नहीं डिफेंस कॉरिडोर भी इस सरकार का एक महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसे 2022 से पहले आंशिक रूप से शुरू करके इसका क्रेडिट लेने की भी तैयारी है.
ये भी पढ़ें: