Varanasi News Today: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यानी सोमवार (25 नवंबर) वाराणसी के डोमरी पड़ाव में गंगा किनारे प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सिहोर वाले के श्री शिव महापुराण कथा कार्यक्रम में सम्मिलित हुए. कथा स्थल पर सतुआ बाबा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री शिव महापुराण कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि श्री शिव महापुराण कथा का भगवान श्री काशी विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा के साथ ही मां गंगा भी श्रवण कर रही हैं. 


'कथा से करे स्वयं को राष्ट्र समर्पित' 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कथा स्थल पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ की ओर संकेत करते हुए कहा कि यहां पर जाति, सम्प्रदाय का भेदभाव नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सब एक होकर इस कथा के जरिए स्वयं को राष्ट्र के लिए समर्पित कर रहे हैं. 


अपने संबोधन में सीएम योगी आदित्यनात ने कहा, "कथा ऐसे लोगों को जवाब है, जो कहते हैं कि लोग जातियों में बंटे हुए हैं. इस कथा को सिर्फ भक्त ही नहीं सुन रहे हैं, महादेव भी सुन रहे हैं. बाबा भैरवनाथ, काल भैरव, मां गंगा और मां अन्नपूर्णा भी सुन रही हैं." उन्होंने कहा कि हमें जाति के नाम पर बांट रहे लोगों की आंख खोलने के लिए यह कथा पर्याप्त है."


'धर्म के मार्ग का करो अनुसरण'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान वेदव्यास ने पुराण और उप पुराणों की रचना की शुरुआत की. भगवान वेदव्यास ने कहा था कि मैं दोनों हाथ उठाकर बोल रहा हूं कि धर्म के मार्ग का अनुसरण करो. धर्म से अर्थ और काम की सिद्धि हो सकती है. 


उन्होंने कहा कि इस पावन कथा ने साबित किया है कि लोग देश धर्म की बात सुन रहे हैं. व्यास पीठ अगर सुनाने को तैयार हैं, तो भक्त सुनने को भी तैयार हैं. इन कथाओं से राष्ट्रीय एकता को सम्बल मिलता है और राष्ट्र धर्म को मजबूती मिलती है.


इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्री काशी विश्वनाथ और श्री काल भैरव मंदिर में दर्शन पूजन किया. उन्होंने षोडषोपचार विधि से बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक किया. गंगा द्वार से वे क्रूज पर सवार हो डोमरी पड़ाव कथा स्थल पर पहुंचे.


ये दिग्गद रहे मौजूद
इस अवसर पर आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, स्टांप पंजीयन एवं न्यायालय शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल और अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.


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