महिला आयोग के सुझाव को कांग्रेस ने बताया RSS-BJP की साजिश, आम लोगों ने क्या कहा?
Reaction on UP Women's Commission Recommendations: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग के सुझावों को कांग्रेस ने बीजेपी-आरएसएस की साजिश बताया है. इस पर आम लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है.
Lucknow News Today: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग ने महिलाओं के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोकने के लिए अहम सुझाव दिया. इस पर लोगों की मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. इनमें से कई लोगों ने महिला आयोग के फैसले को कई मायनों में काफी हद तक सही माना तो कुछ ने जबरन थोपने वाला बताया.
इसी कड़ी में कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी महिला आयोग के इस सुझाव पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के स्वेच्छा पर निर्भर है, वे अपना फैसला लेने में सक्षम हैं. उन पर किसी के फैसले को थोपा नहीं जा सकता है.
'बीजेपी-आरएसएस की साजिश'
कांग्रेस प्रवक्त अंशू अवस्थी ने महिला आयोग के फैसले पर तंज कसते हुए कहा, "महिलाओं की अगर इच्छा है कि वह किसी पुरुष टेलर से अपने कपड़ों का नाप कराएं और अगर उनकी इच्छा है तो महिला टेलर से कपड़े नपवाए, या फिर वह उस जिम जाएं जहां महिला ट्रेनर हैं." उन्होंने कहा कि यह महिलाओं के स्वविवेक पर निर्भर है. इस तरह का तानाशाही फैसला किसी भी मायने में उचित नहीं है.
अंशू अवस्थी ने आगे कहा, "सुरक्षा के नाम बीजेपी महिलाओं के अधिकारों का हनन कर रही है." उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ रेप की घटनाएं उत्तर प्रदेश में होती रहीं और सरकार अपराधियों और ब्लात्कारियों को बचाती रही है, ऐसे सरकार पर लाजमी है कि वह महिलाओं की सुरक्षा का प्रबंध करे न कि उनके अधिकारों पर डाका डाले. आयोग का महिलाओं को लेकर लिया गया फैसला बीजेपी और आरएसएस की महिलाओं को दबाने और कमजोर करने का तानाशाही फैसला है.
'पहले व्यवस्था सुधारे सरकार'
कांग्रेस पार्टी की एक अन्य प्रवक्ता प्रियंका गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का फैसला ठीक है. आप ऐसा फैसला लीजिए लेकिन जब पुलिस की वर्दी में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, तो क्या महिला ट्रेनर लाने से महिलाएं सुरक्षित हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि पहले व्यवस्था सुधरें फिर बात करें.
सपा ने बताया अच्छा कदम
समाजवादी पार्टी की प्रवक्त सुमैया राणा ने कहा, "महिला आयोग ने अच्छा कदम उठाया है." उन्होंने कहा कि हालांकि इसमें कई कमियां होंगी, जिसे प्रोफेशनली कैसे हल करेंगे इस देखना होगा. सुमैया राणा ने कहा कि इससे एक तबके खास फायदा होने वाला है. उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं जो जिम में अन्कंफर्टेबल होती रही हैं, उन्हें अब इससे राहत मिलेगी. सपा प्रवक्ता ने इसकी तारीफ करते हुए कहा कि इसको कैसे लागू किया जाएग, यह एक बड़ा टास्क होगा.
'पुरुष देते हैं ज्यादा अच्छी ट्रेनिंग'
लखनऊ के महानगर स्थित मल्टी फिट जिम में महिलाओं ने आयोग के इस फैसले को गलत बताया. जिम करने पहुंची महिलाओं ने बताया कि वह पुरुषों से ट्रेनिंग लेने में संतुष्ट हैं. महिलाओं के मुताबिक, पुरुष ज्यादा अच्छी ट्रेनिंग देते हैं, इसके उलट महिलाएं उतनी अच्छी ट्रेनिंग नहीं दे पाती हैं.
दूसरी तरफ कुछ महिलाओं ने कहा कि अगर इस तरह की व्यवस्था लानी है तो उसको थोपा नहीं जाना चाहिए. महिलाओं ने कहा कि उन्हें इस बात की स्वतंत्रता होनी चाहिए कि अगर वह महिला के साथ ट्रेनिंग सहज हैं, तो उन्हें छूट ऐसा करने दिया जाए. अगर वह पुरुष ट्रेनर के साथ सहज हैं, तो महिलाओं को पुरुषों के साथ जिम ट्रेनिंग करने देना चाहिए.
जिम संचालक- ट्रेनर ने क्या कहा?
महिला आयोग के इस फैसले से जिम संचालक और ट्रेनर काफी असहज महसूस कर रहे हैं. एक जिम ट्रेनर ने कहा कि उसने अपने अब तक के करियर में कभी किसी महिला से अपनी कोई शिकायत नहीं सुनी है, वह अपना काम प्रोफेशनल तरीके से करते हैं.
महानगर स्थित मल्टी फिट जिम के संचालक ने कहा, "इस काम के लिए महिला ट्रेनर ढूंढना बड़ा मुश्किल होता है. पुरुष ट्रेनर आसानी से मिल जाते हैं." उन्होंने बताया कि पुरुष ट्रेनर से अधिकतर महिलाएं संतुष्ट रहती हैं. उनके वर्कआउट में पुरुष ट्रेनर ज्यादा अच्छे ढंग से मदद करते हैं.
'पुरुषों से नाप पर महसूस हुआ बैड टच'
बुटीक को लेकर भी महिला आयोग ने सुझाव दिया है. आयोग के इस फैसले को महिलाओं ने सही ठहराया है. लखनऊ के कल्याणपुर स्थित सिटी बुटीक में काम करने वाली महिलाओं और ग्राहकों ने प्रतिक्रिया व्यक्त की.
बुटीक की संचालिका कोमल शुक्ला ने बताया कि उन्होंने महिलाओं के कपड़ों के नाप के लिए महिला कारीगर ही रखा है. यहां जो पुरुष हैं वह सिर्फ सिलाई का काम करते हैं. बुटीक में काम करने वाले एक पुरुष टेलर ने बताया कि उन्होंने आज तक कभी नाप लेने का काम नहीं किया है.
बुटीक में आई महिला ग्राहकों ने बताया कि वे महिलाओं से ही नाप कराने में सहज महसूस करती हैं. महिलाओं ने खुलासा किया कि पुरुषों से नाप कराने पर कई बार उन्हें 'बैड टच' जैसा महसूस हुआ है, इसी वजह से वे पुरुषों से नाप करने से बचती हैं. उन्होंने बताया कि जहां महिलाएं नाप करने वाली नहीं होती हैं,वे ऐसी जगहों पर नाप के लिए अपने कपड़े देती हैं.
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