Rangbhari Ekadashi: रंगभरी एकादशी के दौरान काशी में एक नई चर्चाओं का दौर थमने का नाम नहीं लें रहा . दरअसल रंगभरी एकादशी के दिन दोपहर बाद काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत आवास से मंदिर परिसर तक बाबा विश्वनाथ और मां गौरा के गौना के रूप में रजत पालकी यात्रा निकाली जाती है. इसी बीच आज पूर्व महंत आवास से काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए सुबह ही रजत पालकी यात्रा निकाल दी गई. इस यात्रा को लेकर अनेक विषय पर भी लोगों के बीच मंथन हो रहा है. अब कांग्रेस नेता ने इस मामले को लेकर काशी की परंपरा टूटने का दावा किया है.
तोड़ दिया उन्होंने काशी की परंपरा - अजय राय
एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता अजय राय भावुक हो गए. आंखों से आंसू झलकने के साथ ही उन्होंने कहा कि - हम अपने परिवार के साथ 35 वर्षों से काशी विश्वनाथ मंदिर में रंगभरी एकादशी के दिन दर्शन पूजन करने पहुंचते रहे हैं. आज स्थानीय पुलिस हमारे आवास पर आकर रंगभरी एकादशी के दिन काशी विश्वनाथ मंदिर जाने से रोकने का प्रयास कर रही है. बाबा विश्वनाथ और मां गौरा हमारे काशी के राजा और रानी है. हम अपने राजा और रानी से दूर नहीं रह सकते.
केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि - हम पक्का बनारसी हैं हम कहीं बाहर के नहीं हैं. हमारे लिए विश्वनाथ जी सब कुछ हैं और उनसे जुड़ी हुई परंपरा को हम जीते हैं. लेकिन कुछ लोगों द्वारा काशी की परंपरा को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है और आज भी एक परंपरा टूटी है. जब आनन फानन में कुछ लोगों के इशारे पर रजत पालकी यात्रा निकाल दी गई जिसमें बाबा भोलेनाथ और मां गौरा का चेहरा ढका हुआ था. सैकड़ो वर्षों के हमारे काशी की प्राचीन परंपरा टूट गई.
रोकने के बावजूद भगवान विश्वनाथ का दर्शन करने पहुंचे कांग्रेस नेता
रंगभरी एकादशी के दिन काशी के प्राचीन परंपरा के दौरान अलग-अलग बातों का दौर भी जारी रहा. प्रशासन के रोक टोक के बावजूद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बाइक से काशी विश्वनाथ धाम मंदिर पहुंचे. इस दौरान रंगभरी एकादशी के दिन सभी कांग्रेस नेताओं ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन किया.
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