UP News: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वन नेशन-वन इलेक्शन बिल का समर्थन किया. इसके साथ ही पूर्व सीएम मायावती ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर आरक्षण के मुद्दे पर जमकर हमला बोला. वहीं मायावती की इस बयानबाजी को लेकर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने बसपा चीफ मायावती पर पलटवार किया.
यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने कहा "मैं मायावती से इतना ही कहना चाहूंगा कि ट्वीट और प्रेस वार्ता बहुत हो गई अब सड़क पर आकर लड़िए और देखिए कि किस तरह का अत्याचार व अन्याय हो रहा है. केवल प्रेस वार्ता और 'ट्विटर-ट्विटर' मत कीजिए." वहीं यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, "प्रदेश में किसान, मजदूर, हमारी बहन-बेटियों, स्कूल, अस्पताल, हर जगह सबके खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं। इन सब को ध्यान में रखते हुए हमने फैसला किया है कि हम 18 दिसंबर को विधानसभा सत्र का घेराव करेंगे."
पूर्व सीएम ने कहा कांग्रेसी सरकार ने बाबा साहेब के इस्तीफा देने के कारणों के बारे में इनको संसद में बोलने तक भी नहीं दिया था और तब फिर उनको मजबूरी में इस सन्दर्भ में अपनी बात मीडिया में ही रखनी पड़ी थी. जिससे उस समय संविधान व इन वर्गों के प्रति भी कांग्रेस का असली चेहरा खुलकर सामने आ गया था. लगभग यही स्थिति संसद में मेरे साथ भी गुजरी है, जब मुझे अपने लोगों के उत्पीड़न के विरुद्ध राज्यसभा में बोलने नहीं दिया था और तब फिर मजबूरी में मुझे उस समय राज्यसभा से इस्तीफा भी देना पड गया था.
संसद में जब अब संविधान को लेकर विशेष चर्चा हो रही है तो उसमें भी खासकर कांग्रेस और भाजपा के बीच वही दिन-रात चौबीस घंटे के वही घिसे-पिटे पुराने अलाप, आरोप-प्रत्यारोप तथा 'हम से ज्यादा तुम दोषी' जैसी संकीर्ण राजनीति का स्वार्थ ज्यादा हावी नजर आता है. जिससे मामला फिर से कुल मिलाकर वही ढाक के तीन पात वाली कहावत बनकर रह जाएगा, यह स्थिति देश के लिए अति दुखद व लोगों के भविष्य के लिए भी अति-दुभाग्यपूर्ण है.
संसद की चर्चा को मायावती ने बताया राजनैतिक स्वार्थ
मायावती ने कहा संसद में हो रही इस चर्चा में सत्ता व विपक्ष को सुनकर ऐसा लगता है कि इन्होंने अपने-अपने राजनैतिक स्वार्थ में अब संविधान का ही काफी हद तक राजनैतिक-करण कर दिया है. इस मौके पर भी कोई अपने स्वार्थ में संविधान की प्रति (कापी) को माथे पर लगा रहा है तथा कोई इसे अपने हाथ में लेकर इसको दिखाने में लगा है और अब तो इसकी आड़ में देश व जनहित के जरूरी मुद्दे भी दर किनार कर दिये जा रहे हैं.
'वन नेशन-वन इलेक्शन' का मायावती ने किया समर्थन, इस मुद्दे पर सपा-कांग्रेस को सुनाई खरी-खोटी