Congress District President List: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद अब बीजेपी समेत तमाम सियासी दल 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में अपने संगठन में बड़े स्तर पर बदलाव किए हैं और नए जिलाध्यक्षों की सूची जारी की है. बीजेपी के बाद कांग्रेस ने भी अपने जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर नया दांव चल दिया है. 


कांग्रेस ने भी बीजेपी की तरह हर जिले में तमाम जाति और सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश की है. पार्टी की ओर से 133 अध्यक्षों के नाम की घोषणा की गई है जिसमें इसकी झलक देखी जा सकती है. कानपुर की बात करें तो पार्टी ने बीजेपी की राह पर चलते हुए सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है. कानपुर महानगर में हुए बदलाव से अंदाजा लगाया जा सकता है. 


जातिगत समीकरणों का साधने की कोशिश
कानपुर में कांग्रेस ने अपने मुस्लिम जिलाध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी की जगह पुराने नेता और मेयर का चुनाव लड़ चुके पवन गुप्ता को जिम्मेदारी दी है. उनका नाम कानपुर में पुराने और धाकड़ नेताओं में शुमार है. जिनकी पकड़ व्यापारी वर्ग ओबीसी के साथ सवर्ण बेल्ट पर भी है. वहीं शहर के दूसरे ग्रामीण अध्यक्ष के तौर पर संदीप शुक्ला को जिम्मेदारी देकर ब्राह्मण वोट और सवर्ण वर्ग में सेंधमारी की तैयारी की है. 


संदीप शुक्ला का बैकग्राउंड कांग्रेस से रहा है उनके पिता भी कांग्रेस की बुनियाद से जुड़े थे. कानपुर देहात जिले में भी कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष नरेश कटियार को हटाकर क्षत्रिय कैंडिडेट को चुना है. अम्बरीष गौर कांग्रेस के युवा नेताओं में शुमार है टीम प्रियंका का हिस्सा भी है वहीं क्षत्रिय और युवा वर्ग में बड़ी पैठ रखने वाले अम्बरीष गौर कांग्रेस के लिए अच्छा प्रदर्शन 27 के लिए कर सकते हैं. 


इससे पहले भी अम्बरीष गौर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. इसके साथ ही वो कर्नाटक चुनाव की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के साथ कई बड़ी जिम्मेदारियों को निभाया. कांग्रेस ने उन्हें कई लोकसभा में मैनेजमेंट के लिए मैदान में उतारा था. 



बीजेपी के सियासी गणित को खराब करेगी कांग्रेस!
जिस तरह बीजेपी ने कानपुर और कानपुर देहात में क्षत्रिय, ब्राह्मण और दलित के साथ ओबीसी जिलाध्यक्षों का चुनाव किया, वैसे ही कांग्रेस ने भी ब्राह्मण, क्षत्रिय और ओबीसी नाम पर मुहर लगाई है. साथ ही पुराने धाकड़ों को जिम्मेदारी देकर नया एक्सपेरिमेंट किया है. अब देखना होगा कि इस नए परिवर्तन का 27 के चुनाव पर क्या असर दिखाई देगा. प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कह चुके हैं कि पार्टी की ओर से हर वर्ग का ध्यान रखा जाएगा. 


लोकसभा चुनाव में मिले परिणाम के बाद कांग्रेस में उम्मीद बढ़ गई है. राहुल गांधी की पैदल यात्रा हो या सपा के साथ लोकसभा चुनाव में गठबंधन. कांग्रेस को अपनी जमीन मजबूत होते दिख रही है. जिसके चलते अब कांग्रेस ने प्रदेश भर में अजय राय के नेतृत्व में नए जिलाध्यक्षों का ऐलान किया है. पार्टी ने जहां अपने कई पुराने नेताओं को दोहराया है तो वहीं कई नए चेहरों पर भी दांव चला गया है.  


यूपी के वाराणसी में औरंगजेब के सैनिकों के नाम पर बसे इलाके का नाम बदलने की मांग