Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में अभी छह महीने से ज्यादा का वक्त बाकी है. लेकिन अभी से पार्टियां सियासी बिसात बिछाने में जुट गई है. केंद्र की सत्ता की सीढ़ी कहे जाने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी अपनी पैठ मजबूत करने की कवायद में लग गई है. कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम मतदाताओं को अपने पाले में लाने के लिए एक विशेष अभियान शुरु करने जा रही है. जिसमें कांग्रेसी कार्यकर्ता मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ चाय पर चर्चा करेंगे.
मुस्लिम वोटर्स को साधने की कवायद
कांग्रेस पार्टी अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए यूपी में मुस्लिम मतदाताओं को साधने की कवायद में जुट गई है. कांग्रेस पार्टी की ओर इसको लेकर रूपरेखा तैयार कर ली गई है. माइनॉरिटी कांग्रेस ने नवंबर भर का कार्यक्रम तय किया है. जिसमें पार्टी 6 से 11 तक 'चाय के साथ कांग्रेस की बात' अभियान चलाएगी. अभियान के तहत हर रोज जिला और शहर कमेटी मुस्लिम बहुल मुहल्लों में 10-10 चाय की दुकानों पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाले बैनर के साथ चर्चा करेंगे.
7 नवंबर को बहादुर शाह जफर की पुण्यतिथि पर हर जिले में माल्यार्पण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इसी तरह 9 नवंबर इकबाल जयन्ती (अंतर्राष्ट्रीय उर्दू दिवस) पर मदरसों में तराना 'सारे जहां से अच्छा' का सामूहिक गायन आयोजित किया जाएगा. कार्यक्रम के अनुसार 11 नवंबर मौलाना आजाद जयन्ती पर हर जिले में 25 मदरसा शिक्षकों को मौलाना आजाद प्रशस्तिपत्र उनके घर जाकर देना है.
ये है कांग्रेस का कार्यक्रम
14 नवंबर बाल दिवस के अवसर पर 'आधुनिक भारत के निर्माता पंडित नेहरू' विषय पर 10 वीं क्लास के बच्चों के बीच भाषण प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. विजेता बच्चों को नेहरू जी के पत्रों का संकलन दिया जाना है. वहीं 19 नवंबर को इंदिरा गांधी जी की जयन्ती पर हर जिले में 25 महिलाओं को प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित करना है. 22 से 26 नवंबर तक चाय की दुकानों पर संविधान की प्रस्तावना की फोटो वाले बैनर के साथ प्रस्तावना से समाजवादी और सेकुलर शब्द हटाने की कोशिशों के खिलाफ जन जागरूकता अभियान, 24 नवंबर को असम की पूर्व मुख्यमन्त्री सैयदा अनवरा तैमूर की जयन्ती पर माल्यार्पण कार्यक्रम, 26 नवम्बर को संविधान दिवस पर हर जिले में 10 मदरसों में संविधान की प्रस्तावना का संकल्प दिलवाना है.
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि इसके लिए पार्टी दलित-मुस्लिम सम्मेलनों समेत कई आयोजन कर अपने परंपरागत मतदाताओं को फिर से जोड़ने के लिए अभियान चला रही है. यूपी में कांग्रेस सिमट कर हाशिए पर पहुंच गई है. पिछले साल उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में पार्टी सिर्फ दो सीट जीत सकी थी. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 255 और राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (SP) को 111 सीट मिली थीं.
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