Prayagraj News: प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर बगावत कर नामांकन दाखिल करने वाले कांग्रेस पार्टी में जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए सुरेश यादव अपने खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद और मुखर हो गए हैं. उनका कहना है कि वह नामांकन वापस नहीं लेंगे और डटकर मैदान में बने रहेंगे. जिला अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद वह प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के खिलाफ और हमलावर हो गए हैं. 


उन्होंने इन दोनों नेताओं पर बीजेपी का एजेंट होने और उसके साथ मिलकर काम करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है. सुरेश यादव का आरोप है कि प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय बीजेपी के इशारे पर लगातार पार्टी को कमजोर करने का काम कर रहे हैं. उपचुनाव में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को तीन सीटें देने को पूरी तरह से तैयार थी, लेकिन बीजेपी की मदद करने के लिए इन नेताओं ने कांग्रेस के चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया था.


गौरतलब है कि प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी शुरू से ही दावेदारी कर रही थी. पार्टी की तरफ से सबसे मजबूत दावेदारी गंगापार के जिलाध्यक्ष सुरेश यादव की मानी जा रही थी. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी छात्र संघ के महामंत्री रह चुके सुरेश यादव को प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबियों में माना जाता है. चर्चाओं के मुताबिक अखिलेश यादव फूलपुर समेत तीन सीटें कांग्रेस पार्टी को देने के लिए राजी हो गए थे. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने किसी भी सीट पर चुनाव लड़ने से मना कर दिया था और सभी सीटों पर अखिलेश यादव के उम्मीदवारों को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था.


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पार्टी के फैसले से बेहद नाराज
कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष सुरेश यादव इस फैसले से बेहद नाराज हैं और उन्होंने बगावत करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन कर दिया है. नामांकन के दौरान ही उन्होंने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर गंभीर आरोप लगाए थे. यह आरोप लगाए जाने और नामांकन करने की वजह से शुक्रवार रात को उन्हें जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया गया और कारण बताओं नोटिस जारी किया गया. नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर उन्हें पार्टी से बाहर किए जाने की भी चेतावनी दी गई. 


हालांकि पार्टी के इस कदम के बाद सुरेश यादव और मुखर हो गए हैं और वह प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के को लेकर पहले से ज्यादा हमलावर हो गए हैं. उनका कहना है कि वह कतई पीछे नहीं हटेंगे. पूरी मेहनत से चुनाव लड़ेंगे. राहुल और प्रियंका के नाम का इस्तेमाल करेंगे, लेकिन आने वाले दिनों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं की पोल खोलने का भी काम करेंगे.