लखनऊ, एजेंसी। पीएफ घोटाले में राज्य सरकार पर विपक्ष हमलावर है। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की ओर से भेजे गए मानहानि के नोटिस पर बेफिक्री जाहिर करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शुक्रवार को कहा कि वह इस मामले में जनता को गुमराह कर रहे हैं।


लल्लू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिजली विभाग के कर्मचारियों और एवं इंजीनियरों की गाढ़ी कमाई का ज्यादातर हिस्सा डिफाल्टर कंपनी डीएचएफएल में निवेश हुआ और यह सारा कुछ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार में श्रीकांत शर्मा के ऊर्जा मंत्री रहते हुये हुआ है। वह अपनी जिम्मेदारियों से बचने के लिये बात को दूसरी दिशा में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।


उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की बात कर रहे है लेकिन भ्रष्टाचार उनकी नाक के नीचे जारी रहा। जो लोग सत्ता में है उन्हें जनता को सही और सटीक जानकारी और जवाब देना होगा।'


उनसे जब पूछा गया कि ऊर्जा मंत्री ने उन्हें मानहानि का नोटिस भेजा है, इस पर लल्लू ने जवाब दिया कि उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है और उन्हें इसकी जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से मिली है। 'जब हमें नोटिस मिलेगा तो हम उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत जवाब देंगे।'


गौरतलब है कि ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' को मानहानि का नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया।


उर्जा विभाग के प्रवक्ता के अनुसार ऊर्जा मंत्री ने यह नोटिस लल्लू द्वारा सार्वजिनक रूप से उनके खिलाफ दिये गए झूठे, आपत्तिजनक और अमर्यादित बयानों को लेकर भेजा है।


प्रवक्ता के अनुसार शर्मा ने कहा कि डीएचएफएल या सनब्लिंक कंपनी को धन हस्तांतरण में उनकी कोई भूमिका नहीं रही है और उनकी भेंट भी उन कंपनियों के किसी अधिकारी से कभी नहीं हुई। वह सितंबर-अक्टूबर में ही नहीं बल्कि कभी विदेश यात्रा पर नहीं गए। भविष्य निधि का प्रबंधन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है जिसमें वह किसी पद पर नहीं हैं और इस कार्य में उनकी कोई भूमिका भी नहीं है।


ऊर्जा मंत्री ने साफ किया कि लल्लू भविष्य में अपनी भाषा पर विशेष सतर्कता बरतें। उनका आचरण न सिर्फ सार्वजनिक जीवन कि मर्यादाओं के विपरीत था बल्कि समाज जीवन में शुचितापूर्ण ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने वाले व्यक्ति के लिए मानहानिकारक था।


बुधवार को उप्र कांग्रेस ने कहा कि पीएफ की राशि डीएचएफएल में निवेश करने का मुद्दा केवल भ्रष्टाचार ही नहीं बल्कि देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को बताना चाहिए कि वो सितंबर अक्टूबर 2017 में दुबई क्यूँ गए थे? किससे मिले थे?