UP Coronavirus Death: सरकारी आंकड़ों से अलग नजर आई गाजियाबाद श्मशान घाट की तस्वीर, पढ़ें खबर
गाजियाबाद श्मशान घाट में एंबुलेंस की कतारें लगी हुई हैं. इन एंबुलेंस में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के शव लाए गए हैं. जहां तक नजर गई वहां तक एंबुलेंस और कोरोना वायरस से अपनों को खोए हुए लोगों की भीड़ ही नजर आई.
गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का भयावह रूप देखने को मिल रहा है. गाजियाबाद के सरकारी रिकॉर्ड में 2020 से अब तक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या महज 104 बताई गई है. लेकिन, एबीपी गंगा की पड़ताल में गाजियाबाद के सरकारी आंकड़ों से अलग श्मशान घाट की तस्वीर कुछ और ही कह रही है. यहां एंबुलेंस की कतारें लगी हुई हैं. इन एंबुलेंस में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों के शव लाए गए हैं. जहां तक नजर गई वहां तक सिर्फ और सिर्फ एंबुलेंस और कोरोना वायरस से अपनों को खोए हुए लोगों की भीड़ ही नजर आई.
साफ दिखा मौत का डर
प्रदेश सरकार कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है. लगातार कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन गाजियाबाद प्रशासन सिर्फ कागजों पर कार्रवाई करने के अलावा कुछ करता नजर नहीं आ रहा है. एबीपी गंगा की टीम ने हिंडन श्मशान घाट के कोविड डेड बॉडीज के सेंटर में रहे इंचार्ज से बातचीत की. इस बातचीत में लगा कि उन्हें मानो सच्चाई बताने से मना किया गया है. वो अपने बड़े अधिकारियों पर और श्मशान घाट के आचार्य पर बात टालने लगे, लेकिन सच्चाई कहां छुपने वाली थी. श्मशान घाट इंचार्ज की आंखों में भी मौत का डर साफ दिखा.
सच्चाई अलग है
गाजियाबाद के नगर आयुक्त एबीपी गंगा की टीम को मोक्ष घाट पर मिल गए. इस दौरान हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि रोजाना 10 से 15 मरीज कोरोना वायरस की वजह से दम तोड़ रहे हैं. अब ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये था कि एक तरफ सरकारी आंकड़े कुछ और कह रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार के लोग कुछ और ही कह रहे हैं. श्मशान घाट पर शवों को देखकर सच्चाई का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है. प्रशासन को भी लोगों को सच बताना चाहिए.
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