गाजियाबाद, एबीपी गंगा। गाजियाबाद में कोरोना से जंग में सबसे बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिले में कोरोना के 15 हॉटस्पॉट हैं और यहां अब तक 28 कारोना पॉजिटिव आ चुके हैं। इसके बावजूद जिस तरह की लापरवाही इस समय बरती जा रही है, जब कोरोना से पूरा देश जंग लड़ रहा है, वो बेहद खतरनाक है। गाजियाबाद में पिछले 3 दिनों में 500 से अधिक सैंपल टेस्ट के लिए भेजे जा चुके हैं, लेकिन केवल अबतक केवल तीन रिपोर्ट ही आई हैं।  रिपोर्ट न आने का सिलसिला तब से शुरू हुआ है, जब से सैंपल नोएडा की लैब जाने लगे हैं। उससे पहले सैंपल दिल्ली जाया करते थे, तो रिपोर्ट तुरंत आया जाया करती थी।


15 हॉटस्पॉट, 28 कोरोना पॉजिटिव

गाजियाबाद के सीएमओ डॉक्टर एनके गुप्ता का कहना है कि रिपोर्ट वेटिंग होने के कारण हमारा काम रुक गया है। जिले के सीएमओ का कहना है कि जिले में 15 हॉटस्पॉट हैं और 28 करोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बता दें कि सीएमओ रोजाना अपनी टीम के साथ  18 से 20 घंटे काम कर रहे हैं, लेकिन रिपोर्ट समय पर न आने से सब परेशान हैं।


3 दिन में महज 3 रिपोर्ट


दरअसल, गाजियाबाद में कोरोना संदिग्धों की रिपोर्ट पहले एनसीडीसी लैब दिल्ली भेजी जाती थी, जहां से एक दिन में रिपोर्ट आ जाया करती थी, जिसके चलते उसी हिसाब से संदिग्ध का इलाज किया जाता था।  लेकिन अब ये सैंपल नोएडा की NIV लेब भेजे जा रहा रहे हैं। जिसके बाद  3 दिन में महज 3 रिपोर्ट आई हैं। गाजियाबाद के सीएमओ के मुताबिक, 547 रिपोर्ट अभी पेंडिंग हैं। इसी से आप समझ सकते हैं कि कितनी बड़ी लापरवाही बरती जा रही है। जितनी जल्दी टेस्ट होकर रिपोर्ट आ जाए, उसी हिसाब से किसी के पॉजिटिव आ जाने पर उसके आसपास के इलाके को लोगों को देखा और समझा जाएगा।


इस पर केंद्रीय राज्यमंत्री और गाजियाबाद से सांसद वीके सिंह का कहना है कि रिपोर्ट के लेट होने के कारण स्वास्थ्य विभाग भी हाथ पर हाथ धर कर बैठा है, क्योंकि जब तक रिपोर्ट नहीं आएगी, तब तक उसके लिए भी कुछ आगे कर पाना तकरीबन नामुमकिन है। जिलाधिकारी गाजियाबाद कहते हैं, इससे शासन को भी अवगत करा दिया गया है और लगातार कॉर्डिनेट कर रहे हैं ।


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