UP Crime: कौशांबी में लेखपाल की हत्या का पुलिस ने 48 घंटे के भीतर किया खुलासा, इस वजह से हुआ मर्डर
UP News: चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र के मझगांव की रहने वाली किरण रूपौलिहा के पति कृष्ण कुमार की 2012 में मौत हो गई थी. वह चकबंदी लेखपाल थे और पति की मौत के बाद किरण ने 2018 में नौकरी ज्वाइन की.
Kausambi News : कौशांबी पुलिस ने महिला चकबंदी लेखपाल किरण रूपौलिहा की हत्या का 48 घंटे के अंदर ही खुलासा कर कर दिया है. मृतक लेखपाल को ट्रैक्टर और किराए की रकम वापस न देनी पड़े, इसलिए आरोपी शुभम ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी. आरोपी सात जनवरी को महिला लेखपाल को चित्रकूट के कामतानाथ दर्शन कराने के बहाने बुला ले गए. रास्ते में तमंचे के बट से सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी.
मृतका के बेटे ने पिपरी थाने में मां के लापता होने की तहरीर दी थी. पुलिस गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर महिला की खोजबीन कर रही थी. अगले ही दिन राजापुर थाना क्षेत्र में लेखपाल का खून से सना शव बरामद हुआ था. मृतक के बेटे ने मौके पर पहुंचकर शव की पहचान की थी. पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता कर घटना का खुलासा किया है. उन्होंने आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कही है.
पति की मौत के बाद उनकी जगह नौकरी कर रही थी महिला
जानकारी हो कि चित्रकूट जनपद के राजापुर थाना क्षेत्र के मझगांव की रहने वाली किरण रूपौलिहा के पति कृष्ण कुमार की वर्ष 2012 में मौत हो गई थी. वह चकबंदी लेखपाल के पद पर तैनात थे. पति की मौत के बाद किरण ने वर्ष 2018 में चकबंदी लेखपाल के पद पर नौकरी ज्वाइन की. उसकी तैनाती चायल तहसील में थी. गांव छोड़कर वह अपने बेटे शौर्य जीत और बेटी दीपांशी के साथ प्रयागराज के धूमनगंज स्थित बुध विहार कॉलोनी में रहती थी. पति की मौत के बाद उसने काफी कारोबार फैला रखा था. ससुराल के हिस्से में मिले घर को किराए पर दे रखा था. इसके अलावा कई ऑटो और ट्रैक्टर भी किराए पर चलवाती थी. किरण ने लगभग डेढ़ साल पहले ट्रैक्टर को तिल्हापुर निवासी शुभम मिश्रा को 25 हजार रुपए महीने में किराए पर चलाने के लिए दे रखा था. पिछले कई महीनों से शुभम ने किरण को ट्रैक्टर का किराया नहीं दिया था. किराये के लिए किरण ने शुभम से ट्रैक्टर वापस लेने का दबाव बना रही थी. इतना ही नहीं ट्रैक्टर का किराया भी मांग रही थी.
तमंचे के बट से सिर पर वार कर ले ली जान
पुलिस के अनुसार, ट्रैक्टर लेने और किराया मांगने की वजह से शुभम काफी परेशान था. ऐसे में उसने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिलकर किरण की हत्या करने की साजिश रच डाली. इसी के तहत शुभम ने सात जनवरी को किरण से चायल तहसील के पास मुलाकात की. इसके बाद उसे चित्रकूट के कामतानाथ दर्शन कराने के लिए अपने साथ लाल रंग की गाड़ी में बैठा कर चला गया. रास्ते में उसने पिपरी थाना क्षेत्र के फरीदपुर निवासी विक्रम सिंह, मुनील पासी और सरायअकिल थाना क्षेत्र के बहुगरा निवासी आशीष पाषी को भी गाड़ी में बैठा लिया. सभी ने कामतानाथ में दर्शन भी किया. इसके बाद रात में ही घर वापस आने लगे. इसके बाद शुभम और उसके साथियों ने राजापुर थाना क्षेत्र में तमंचे के बट से किरण के सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी और शव फेंक कर फरार हो गए.
बेटे ने दर्ज करायी मां के लापता होने की तहरीर
उधर, शाम को जब किरण अपने घर वापस नहीं पहुंची तो उसके बेटे शौर्यजीत ने पिपरी थाने में मां के लापता होने की तहरीर दी. पुलिस ने गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी. अगले ही दिन शव बरामद हुआ. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने घटना के खुलासे के लिए चायल क्षेत्राधिकारी श्याम कांत के नेतृत्व में टीम गठित की. टीम ने 48 घंटे के भीतर ही शुभम सहित चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने घटना कबूल कर ली. एसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आठ जनवरी को थाना पिपरी पर रात में 8 बजे 40 वर्षीय महिला जो चायल तहसील में चकबंदी लेखपाल के पद पर नियुक्त थी, उनकी गुमशुदगी उनके बेटे के द्वारा दर्ज कराई गई थी. गुमशुदगी के बाद तत्काल उनकी तलाश के लिए एक टीम गठित की गई. इस दौरान जानकारी मिली कि राजापुर में एक अज्ञात महिला का शव मिला है. उसकी शिनाख्त उनके बेटे ने की. इसके बाद मामले के खुलासे के लिए सीओ चायल के नेतृत्व में टीम गठित की गई. इलेक्ट्रॉनिक और सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि महिला तहसील से लाल रंग की गाड़ी में निकली. जाचं में पता चला कि चार लोगों को घटना को अंजाम दिया है. शव के पास से वो तमंचा भी बरामद कर लिया गया है.
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