Basti Crime News: 22 सला पहले उत्तर प्रदेश के एक व्यवसायी के बेटे को अपहरण कर लिया गया था. जिसका मुख्य आरोपी अमरमणि त्रिपाठी था. अपहरण मामले में अमरमणि त्रिपाठी बुधवार (1 नवंबर) को एक बार फिर बस्ती न्यायालय में पेश नहीं हुआ. इससे अपहरण कांड के चार्जशीट में भी एक नया पेंच आ गया है. अमरमणि के वकील ने कहा कि कोर्ट के लिपिकीय त्रुटि के चलते जिन धाराओं में अमरमणि को वारंट कोर्ट के तरफ से भेजा गया है. उसमें आरोप पत्र ही न्यायालय में दाखिल नहीं है, इसलिए अमरमणि के खिलाफ कोर्ट ने जो वारंट जारी किया है वह गैर कानूनी है. 


मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में कुछ सप्ताह पहले रिहा हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को आज बस्ती जिले के एमपी एमएलए कोर्ट में पेश होना था,जहां पर बस्ती कोतवाली में उनके खिलाफ 22 साल पहले बस्ती के एक व्यवसायी के बेटे के अपहरण का मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसकी कार्रवाई बस्ती की एमपी एमएलए कोर्ट में लगातार चल रही थी, लेकिन आरोपी अमरमणि त्रिपाठी के लगातार कोर्ट में पेश न होने के चलते इस मामले में आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही थी.


इस पर 16 अक्टूबर को एमपी एमएलए कोर्ट के जज ने कड़ा रुख अपनाते हुए बस्ती पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया कि वह हर हाल में अमरमणि त्रिपाठी को कोर्ट में पेश करें. जिसके चलते आज उन्हें कोर्ट में पेश होना था लेकिन खराब तबीयत का हवाला देते हुए अमरमणि त्रिपाठी आज भी कोर्ट में पेश नहीं हुए. आज उनके वकील ने कोर्ट में एक हफनामा लगाते हुए कहा कि असल में अमरमणि के खिलाफ जो न्यायालय ने जो वारंट जारी किया है वह गैरकानूनी है. क्योंकि जिन धाराओं में अमरमणि को वारंट कोर्ट की तरफ से भेजा गया है, उसमें आरोप पत्र ही न्यायालय में दाखिल ही नहीं है. आगे उन्होंने कहा कि जो आदेश न्यायालय ने पारित किया है उसमें कुछ कानूनी पेचीदगियां हैं, जिसे न्यायालय की तरफ से फिर से देखा जाना चाहिए और यह कहीं ना कहीं लिपिकीय त्रुटि है. जिसकी वजह से अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ यह वारंट जारी किया गया है.


अमरमणि के वकील ने कोर्ट में दाखिल किया पेंच


आपको बता दें कि जिस केस में अमरमणि को वारंट जारी हुआ है वो केस 2001 का है. उस वक्त बस्ती कोतवाली क्षेत्र में बिजनेसमैन धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण कर लिया गया था.बाद में व्यापारी के बेटे को तत्कालीन विधायक अमरमणि के लखनऊ स्थित घर से बरामद किया गया था. इस मामले में अमरमणि समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे. इसके बाद लगातार बस्ती के एमपी एमएलए कोर्ट मैं इस मामले का ट्रायल चल रहा था, जिसमें वारंट जारी होने के बाद भी लगातार पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी न्यायालय में गैरहाजिर चल रहे थे.


जिस पर कोर्ट ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक को यह आदेश दिया था कि वह अमरमणि को गिरफ्तार कर 1 नवंबर को कोर्ट में पेश करें, लेकिन खराब तबीयत की वजह से और मेडिकल कॉलेज में भर्ती होने के वजह से अमरमणि त्रिपाठी आज भी बस्ती के न्यायालय में पेश नहीं हुए लेकिन जिस तरीके से अमरमणि त्रिपाठी के वकील ने इस मामले में नया पेंच आज कोर्ट में दाखिल किया है, उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में अपहरण कांड के इस मामले में नया मोड़ आ सकता है.


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