UP Crime News: यूपी (UP) के शामली (Shamli) में एके-47 और 1,300 कारतूस बरामद होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ी हुई है. बताया जा रहा है कि जो एके-47 बरामद की गई है, वह रोमानिया (Romania) की है. वहीं 1,300 कारतूस का जो जखीरा मिला है, उनमें 600 कारतूस प्रतिबंधित बोर 455 के हैं. एके-47 और 1,300 कारतूस बरामद होने के बाद अब कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. क्या है एके-47 का रोमानिया कनेक्शन और क्या मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के गुर्गे पश्चिमी उत्तर में कोई बड़ी साजिश रच रहे थे? इसी एके-47 का इस्तेमाल मेरठ (Meerut) में कृषि विश्वविद्यालय (Agricultural University) के डीन की हत्या की साजिश में भी हुआ था?

 

सवाल ये भी है कि आखिर रोमानिया में बनी ये एके-47 शामली कैसे पहुंची, 2012 में मुख्तार अंसारी के राइट हैंड संजीव जीवा से आखिर किस मकसद से खरीदी गई थी एके-47, सेना और अर्द्धसैनिक बलों के इस्तेमाल किए जाने वाले 455 बोर के 600 कारतूस के पीछे की क्या है साजिश, 700 एके-47 के कारतूस से आखिर कहां लाशें बिछाने का हो रहा था प्लान? ये वो सवाल हैं जिनके जवाब आईबी सहित तमाम इंटेलिजेंस एजेंसियां खंगाल रहीं हैं. शामली नहीं बल्कि आस-पास के जिलों के पुलिस अफसर भी इस गैंग की साजिश को बेनकाब करने में जुटे हैं. जिस अनिल उर्फ पिंटू को शामली पुलिस ने चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया, उसने कई राज उगले हैं और परत-दर-परत इन राज से पर्दा उठाने जा रहा है.

 

विक्की त्यागी हत्याकांड में भी जेल गया था अनिल उर्फ पिंटू 

 

पुलिस महकमा इसे बड़ी कामयाबी तो मान रहा है, लेकिन इस बात को लेकर अफसरों के पैरों के नीचे से जमीन भी खिसकी हुई है कि यदि मुख्तार अंसारी के राइट हैंड संजीव जीवा का ये शार्प शूटर अनिल उर्फ पिंटू इस एके-47 का इस्तेमाल कर देता तो क्या होता? विक्की त्यागी हत्याकांड में भी अनिल उर्फ पिंटू जेल गया था. अब कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब पुलिस ही नहीं इंटेलिजेंस एजेंसियां भी तलाश रहीं हैं...

 

सवाल नं. 1- आखिर रोमानिया मेड ये एके-47 डॉन मुख्तार अंसारी के राइट हैंड कुख्यात संजीव जीवा को कहां से मिली


सवाल नं. 2- अनिल उर्फ पिंटू का इस एके-47 को खरीदने का मकसद क्या था और संजीव जीवा ने पिंटू को ही ये एके-47 क्यों दी

सवाल नं. 3- संजीव जीवा से करीब 10 साल पहले ये एक-47 खरीदी गई, लेकिन किसी को भनक अब तक कैसे नहीं लगी

सवाल नं. 4- क्या 10 पहले ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसी बड़ी घटना की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी थी

सवाल नं. 5- रोमानिया मेड कितनी एके-47 संजीव जीवा ने बेची हैं और इतनी आसानी से कैसे मिल रहीं हैं

सवाल नं. 6- अनिल उर्फ पिंटू के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश किस गैंग के पास ये एके-47 मौजूद हैं

सवाल नं. 7- जिन 455 बोर के कारतूसों का इस्तेमाल सिर्फ सेना करती है, वो 600 कारतूस आखिर पिंटू के पास कैसे आए

सवाल नं. 8- क्या अनिल उर्फ पिंटू किसी गैंग को ये एके-47 कारतूस देने जा रहा था, जो किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था

 

पांच लाख में दी गई थी सुपारी

 

मेरठ में पिछले महीने कृषि विश्विद्यालय के डीन राजवीर सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गई थीं, जिसके बाद से वे अस्पताल में भर्ती हैं और जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं. विश्विद्यालय की प्रोफेसर आरती ने डीन बनने के लिए उनकी हत्या की पांच लाख में सुपारी दी थी. इस मामले में अनिल उर्फ पिंटू और उसका साथी अनिल बंजी ने बातचीत की और एके-47 से डीन राजवीर सिंह की हत्या का प्लान बनाया. लेकिन बेहद शातिर अनिल उर्फ पिंटू ने ये कहकर एके-47 से हत्या करने से मना कर दिया कि एके-47 से हत्या करना सबको मुसीबत में डाल सकता है, इसलिए इसका इस्तेमाल करने के बजाय पिस्टल का इस्तेमाल किया जाए.

 

धर्मेंद्र किरठल के लिए काम करते थे अनिल उर्फ पिंटू और अनिल बंजी

इसके बाद मुजफ्फरनगर के सिसौली के रहने वाले अनिल बंजी ने पिस्टल से उन पर पर गोलियां बरसाईं, हालांकि बाद में अनिल बंजी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. दरअसल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े अपराधी धर्मेंद्र किरठल के लिए अनिल उर्फ पिंटू और अनिल बंजी काम करते थे, लेकिन धर्मेंद्र के राइट हैंड नीरज बामनोली की हत्या हो गई, जिसमें धर्मेंद्र को अनिल उर्फ पिंटू पर शक था, इसके बाद अनिल उर्फ पिंटू ने संजीव जीवा गैंग से हाथ मिला लिया था. अनिल उर्फ पिंटू के दो साथी भाग निकले, उसने एके-47 को हरियाणा ले जाने की बात कही है. आखिर क्या वाकई हरियाणा एके-47 को छिपाने के लिए ले जाया जा रहा था या फिर हरियाणा में या हरियाणा से पश्चिम में किसी बड़ी घटना की पटकथा लिखी जानी थी.

 

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई बड़े गैंग एके-47 रखते हैं, लेकिन आज तक इस कनेक्शन को न तो पुलिस ढूंढ पाई और न सुरक्षा एजेंसियां. आखिर इतनी आसानी से कैसे कहीं भी एके-47 जैसे खतरनाक हथियार की डिलवरी कर दी जाती है. अनिल के पकड़े जाने से कोई बड़ी घटना तो रुक गई, लेकिन उसने ये भी साफ कर दिया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुख्यातों का एक ऐसा बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है, जिसको तोड़ पाना पुलिस के लिए फिलहाल तो मुश्किल नजर आ रहा है.

 

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