Prayagraj Cyber crime: साइबर ठगों ने मानवता को भी तार-तार कर दिया. ठगों ने ऐसे लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है जो जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं. पीजीआई में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को अपने जाल में फंसा कर साइबर ठग रुपए ऐंठ रहे हैं. ऐसे दो मामले सामने आए हैं जिनमें पीड़ितों ने पीजीआई थाना में एफआईआर दर्ज कराई है. अस्पताल प्रशासन भी ऐसे लोगों पर लगाम कसने के लिए एडवाइजरी जारी कर रहा है. ये मामले प्रयागराज और देवरिया का है.
साइबर ठग पीजीआई में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को ब्लड या प्लेटलेट्स की जरूरत बताकर अथवा अन्य उपचार के बहाने उनसे रुपया अपने यूपीआई अकाउंट में जमा करा रहे हैं. ठगी का पहला मामला प्रयागराज निवासी एडवोकेट श्वेता सिंह का है जिनके पति पंकज कुमार पीजीआई के लिवर ट्रांसप्लांट विभाग में भर्ती हैं. पंकज कुमार बस्ती में परिवहन विभाग में तैनात हैं.
जानें कैसे की गई ठगी?
बीते 2 साल से उन्हें लिवर की समस्या है. 28 अप्रैल को श्वेता उन्हें पीजीआई लेकर आईं. यहां उनके लिवर ट्रांसप्लांट की तैयारी चल रही है. 7 मई को पंकज की हालत गंभीर हो गई. परेशान श्वेता को ठग ने फोन करके खुद को हेपेटोलॉजी विभाग का हेड बताते हुए उनसे तुरंत खून का इंतजाम करने को कहा. फोन करने वाले कथित एचओडी ने श्वेता से खून के लिए 8250 रुपए यूपीआई के जरिए जमा कराने को कहा.
श्वेता ने बताई गई रकम यूपीआई आईडी पर जमा करा दी. रुपया जमा करते ही श्वेता के पति को ब्लड मिल भी गया. इसके बाद श्वेता के पास दोबारा फर्जी एचओडी का फोन आया और उसने कहा कि पंकज को पीलिया हो गया है जिसे कंट्रोल करने के लिए एक एंटीडोज लगाई जाएगी.
इस एंटी डोज की कीमत 3 लाख 50 हजार है. यह एंटीडोज मुंबई से मंगाई जानी है. श्वेता ने इतना रुपया न होने की बात कही तो फोन करने वाले ठग ने कहा कि फिलहाल 22500 रुपए जमा कर दें. बाकी बाद में देने होंगे. श्वेता ने उसी यूपीआई आईडी पर फिर से रुपए भेज दिए.
पीड़िता को फिर से फोन कर ऑपरेशन थिएटर में शिफ्टिंग के नाम पर 6000 रुपए और वसूले गए. श्वेता ने पीजीआई एडमिनिस्ट्रेशन को इसकी जानकारी दी तब मामला खुला और उसने एफआईआर दर्ज कराई. इसी तरह देवरिया के संदीप का किडनी की बीमारी का उपचार पीजीआई में चल रहा है. संदीप से भी ठगों ने डॉक्टर बन कर बात की और प्लेटलेट्स की कमी होने की बात कहकर उनसे ऑनलाइन 8000 रुपए ठग लिए.
इस मामले में पीजीआई के लोगों के ही शामिल होने की आशंका भी जताई जा रही है. पुलिस ने ठगी के शिकार लोगों से कॉल करने वाले व्यक्ति का नंबर ले लिया है. नंबर का ब्यौरा खंगाला जा रहा है. अस्पताल में मरीजों के साथ हो रही इस तरह की ठगी की जानकारी मिलने के बाद पीजीआई प्रशासन ने भी गाइडलाइन जारी करने की तैयारी की है.
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