Varanasi Cyber Fraud News Today: वाराणसी के सिगरा थाना अंतर्गत एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें बैंक कर्मचारियों ने ही एक शिक्षिका को गिरफ्तारी के नाम पर डराकर तकरीबन 3.55 करोड़ रुपये ऐंठ लिए. बेहद शातिर ढंग से इन अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया. वाराणसी पुलिस कमिश्नर के दिशा निर्देश पर स्थानीय पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने इस मामले में छह अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है. इनके पास से 7 एंड्राइड मोबाइल सेट, एटीएम कार्ड, अलग-अलग बैंक के चेक बुक, इसके अलावा 13,63,000 नगद और अलग-अलग खातों में लगभग 65 लाख रुपए (सीज) प्राप्त हुए हैं.


जनपद की सबसे बड़ी साइबर ठगी के खुलासे को लेकर एडीसीपी चंद्रकांत मीणा ने बताया कि वाराणसी के सिगरा थाना अंतर्गत रहने वाली शम्पा रक्षित जो रिटायर्ड शिक्षिका हैं. उनके मोबाइल पर बीते 8 मार्च को एक अज्ञात नंबर से फोन आता है. महिला को इस बात की जानकारी दी जाती है कि अगले 2 घंटे में उनका फोन बंद हो जाएगा. इसके बाद अगले कुछ घंटे में महाराष्ट्र पुलिस स्टेशन का बताते हुए महिला के मोबाइल पर कॉल आता है. फिर महिला को डराते धमकाते हुए कहा जाता है कि इस मोबाइल नंबर से आप अवैध काम कर रहे हैं.


महिला से ऐंठे करोड़ों रुपये 


महिला को लगातार अरेस्ट वारंट के नाम पर गिरफ्तारी का डर दिखाकर धमकाया जाता है. इसी बीच रिटायर्ड शिक्षिका से उसके परिवार विवरण संबंधित सभी जानकारी और बैंक खातों से संबंधित पूरा डिटेल की जानकारी चेकिंग के नाम पर वीडियो कॉलिंग करते हुए प्राप्त कर लिया जाता है. इसके बाद महिला से आरबीआई के खाते में सभी रुपयों को यह आश्वासन देते हुए डालने के लिए कहा जाता है कि यह पैसे वापस हो जाएंगे और इसके बाद महिला को तकरीबन 3 करोड़ 55 लाख रुपए के ठगी का शिकार बनाया जाता है.


 " 6 अभियुक्त में से दो बैंक कर्मचारी "


इस मामले में पुलिस कमिश्नर के दिशा निर्देश पर स्थानीय पुलिस और साइबर सेल की टीम गठित करके 6 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और इनके खिलाफ विधिक कार्रवाई की जा रही है. इन 6 अभियुक्तों में मोहम्मद तौफीक खान, सरफराज आलम, नुरुल हुदा, आरिफ अहमद, अश्विन, नीरव बटुक शामिल हैं. इनमें सरफराज आलम ICICI बैंक लखनऊ का रीजनल हेड और नुरुल हुदा  HDFC बैंक लखनऊ का कैशियर रह चुका है.


पुलिस से पूछताछ में इन अभियुक्तों ने बताया कि इसी प्रकार लोगों को वह फोन पर कॉल करके अवैध काम के नाम पर उन्हें डराते हैं. उनके परिवार की आय संबंधित जानकारी को लेते हुए रुपये वापस करने का विश्वास जताकर उनसे खाते में पैसा ट्रांसफर भी करा लेते हैं.


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