(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यूपी में DAP खाद के लिए अमेठी-गाजीपुर समेत कई जिलों मे मारामारी, दर-दर भटकने को मजबूर किसान
UP DAP Problem: गाजीपुर के हालात भी अलग नहीं है यहां भी डीएपी खाद को लेकर मारामारी चल रही है. किसानों को जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल पा रहा है, बिचौलियों ने खाद पर कब्जा कर लिया है
UP DAP Problem: उत्तर प्रदेश में डीएपी खाद को लेकर किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो गए हैं. अमेठी से लेकर गाज़ीपुर, झांसी, महोबा समेत कई जिलों का यही हाल है. खेतों में रबी की फसल की बुआई होने ही लेकिन किसानों को खाद तक नहीं मिल पा रही है. खाद के लिए किसान रात से ही लंबी लाइन लगाने को मजबूर हैं लेकिन फिर फिर उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है.
अमेठी में ये हाल है कि किसान तड़के अंधेरे से ही लाइन में लग जाते हैं लेकिन टोकन और पर्ची मिलने के बावजूद उन्हें डीएपी नहीं मिल रही है. किसानों का आरोप है कि पैसेवालों और परिचित लोगों को ही अंदर से खाद दे दी जाती है, जबकि गरीब लोग लाइन में खड़े रह जाते हैं. किसान खतौनी की नकल और आधार कार्ड लेकर कई दिनों से दौड़ रहे हैं. सरकारी खाद विक्रय केंद्र पर लंबी-लंबी लाइनें देखने को मिल रही है.
गाजीपुर में खाद के लिए मारामारी
गाजीपुर के हालात भी अलग नहीं है यहां भी डीएपी खाद को लेकर मारामारी चल रही है. किसानों को जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल पा रही. बिचौलियों ने खाद पर कब्जा कर लिया है. जिला प्रशासन को 3 एकड़ पर 1 से 2 बोरी देने का ही निर्देश दिया है. जो किसानों के लिए नाकाफी है. किसानों ने इस संबंध में मंडल जिला अधिकारी को ज्ञापन देकर डीएपी मुहैया कराने की मांग की है.
गाजीपुर में सपा के जिलाध्यक्ष गोपाल सिंह यादव ने कहा कि इस समय आलू, गेहूं की बुवाई में डीएपी खाद की समस्या से किसान जूझ रहा है. जहां सरकार के द्वारा बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं. वहीं समितियों पर एक-दो बोरी ही खाद किसानों को दी जा रही है. कई बार तो किसानों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ रहा है.
महोबा में नकली खाद का भंडाफोड़
महोबा में खाद की किल्लत का फायदा उठाकर नकली खाद बेचने वाले गिरोह भी एक्टिव हो गए हैं. यहां पुलिस ने अवैध खाद फैक्ट्री पर छापेमारी करते हुए बड़ी मात्रा में नकली खाद, बोरियां, पैकिंग मशीन और केमिकल बरामद की है. आरोपी मध्य प्रदेश से नकली खाद लाकर यूपी में खपा रहे थे. पुलिस को मौके से 53 बोरी नकली खाद, केमिकल, खाली बोरियां और पैकिंग मशीन सहित अन्य सामग्री बरामद हुई है. आरोपी मध्य प्रदेश से घटिया खाद खरीदकर उसमें कैमिकल मिलाकर दोगुने दाम पर यूपी में किसानों को बेच रहे थे.
यूपी में समय से खाद नहीं मिल पाने से किसान बेहद परेशान हैं. झांसी में तो खाद नहीं मिल पाने की वजह से एक किसान ने आत्महत्या कर ली. झांसी के मऊरानीपुर गाँव में रहने वाले 37 साल के किसान जगदेव अहिरवार खेत में पानी लगाने की बात कहकर घर से निकला थे लेकिन उन्होंने खेत में ही फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. परिजनों का कहना है कि वो खाद नहीं मिल पाने की वजह से परेशान था. हालांकि जिला प्रशासन इसे पारिवारिक विवाद बता रहा है.
(अमेठी से अखिलेश सोनी, गाजीपुर से अनिल कुमार, महोबा से इमरान खान और झांसी से पुष्पेंद्र सिंह की रिपोर्ट)
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