Global Investor Summit: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर अमेरिकन कंपनियां यूपी में नौ सेक्टर में निवेश को लेकर रुझान दिखा रही है. इससे बड़े स्तर पर निवेश की उम्मीद बंधी है. सैन फ्रैंसिस्को, टोरंटो और न्यूयॉर्क में कार्यरत बड़ी कंपनियों से लगातार संवाद चल रहा है. सरकार आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर कृषि क्षेत्र के निवेशकों को यूपी लाने की तैयारी में है. यूपी के स्टार्टअप्स में फंडिंग के लिए वेंचर कैपटलिस्ट्स से भी संपर्क हो रहा है.


अमेरिकी कंपनियों की ओर से जिन सेक्टर्स में विशेष रुचि दिखाई गयी उनमें आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, रक्षा और एयरोस्पेस, फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण, ऊर्जा, रिटेल और ऑटोमोबाइल शामिल हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में वेंचर कैपिटलिस्ट भी यूपी में निवेश को इच्छुक हैं. यूपी में सर्वाधिक 90 लाख से भी ज्यादा एमएसएमई क्लस्टर हैं, जहां निवेश के लिए अमेरिकन वेंचर कैपिटलिस्ट्स के साथ सरकार के स्तर से लगातार संपर्क साधा जा रहा है.


आईटी सेक्टर में 


इसमें एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन, अल्फाबेट (गूगल), अमेजॉन, मेटा, वीज़ा, इंटेल, सिस्को, ऑरेकल और अडोबी शामिल हैं.


एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग में


इसमें आर्चर डेनियल्स मिडलैंड (एडीएम), सिजेन्टा, ब्यूरो वेरिटाज़, कोर्टेवा एग्रीसाइंस, न्यूट्रीन, इंडिगो और पॉयनियर शामिल हैं.


एयरो एंड डिफेंस सेक्टर में


इसमें बीएई सिस्टम, सफरॉन एसए, रायथॉन, नॉर्थ्रोप ग्रुम्मैन, जीई एविएशन, जनरल डायनेमिक्स कॉर्पोरेशन, लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन, यूनाइटेड टेक्नोलॉजी कॉर्पोरेशन (यूटीसी), एयरबस एसई और दि बोइंग कंपनी शामिल हैं.


फार्मा एंड मेडिकल सेक्टर में


इनमें जॉनसन एंड जॉनसन, फाइजर इंक, मर्क एंड कंपनी, ऐबवाई इंक, ब्रिस्टल मेयर्स स्क्वीब, एब्बोट लैबोरेटरीज़, ऐमगन, गिलीड साइंसेज़, एली लिली एंड कंपनी और बायोजेन शामिल हैं.


ऊर्जा सेक्टर में


इसमें एक्सन मोबिल कॉर्पोरेशन, शेवर्न कॉर्पोरेशन, नेक्स्ट्रा इनर्जी, जनरल इलेक्ट्रिक, कॉन्को फिलिप्स, डोमिनियन इनर्जी, ड्यूक इनर्जी कॉर्पोरेशन और दि सदर्न शामिल हैं.


वेंचर कैपिटल में


इनमें डीसीएम वेंचर, ग्रेलॉक पार्टनर, इनसाइट वेंचर पार्टनर और यूनियन स्क्वायर वेंचर शामिल हैं.


रिटेल सेक्टर में


वालमार्ट, अमेजॉन, कोस्टो होलसेल और दि होम डीपो शामिल हैं.


ऑटोमोबाइल्स सेक्टर में


जनरल मोटर्स, फोर्ड मोटर, बीएमडब्ल्यू, फॉक्सवैगन, टेस्ला, डीरे एंड कंपनी, पेसकार इंक और निसान मोटर्स प्रमुख रूप से शामिल हैं.


इसके अलावा विभिन्न व्यापारिक संगठनों से सरकार की बात चल रही है. इनमें यूएस स्माल बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एसबीए), नेशनल विमेन बिजनेस काउंसिल, स्कोर बिजनेस मेंटरिंग, वेटरन्स बिजनेस आउटरीच सेंटर (वीबीओसी) शामिल है. इसके अलावा यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स स्माल बिजनेस काउंसिल, यूएस एक्सपोर्ट असिस्टेंस सेंटर, यूनाइटेड स्टेट माइनॉरिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स, आंत्रप्रेन्योर ऑर्गेनाइजेशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडिपेंडेंट बिजनेस (एनएफआईबी) शामिल है. इंटरनेशनल फ्रेंचाइजीस एसोसिएशन (आईएफए), नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन, नेशनल रिटेल फेडरेशन, अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन (एएमए), यूनाइटेड स्टेट टेलिकॉम एसोसिएशन शामिल हैं.


अमेरिकी कंपनियों के उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए सरकार ने अफसरों की लंबी चौड़ी टीम को काम पर लगा दिया है. इनमें सचिव स्तर से ऊपर के दो अफसर, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारी, योजना विभाग से एक अधिकारी, उद्योग विभाग से एक अधिकारी को लगाया गया है. इसके अलावा सीएम कार्यालय से एक अधिकारी और इन्वेस्ट यूपी के तीन अधिकारियों को अमेरिकी कंपनियों से डील फाइनल करने के काम में मिशन मोड में कार्य करने के लिए कहा गया है.


क्या कहा मंत्री ने?


ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र में बहुत सारे परिवर्तन हो रहे हैं, बहुत सारी हाइड्रोजन की बसें भी चलने लगी है, ई-बसें भी चला रहे हैं. निवेश के लिए जो कंपनी आ रही उनका स्वागत है. उत्तर प्रदेश देश का बहुत बड़ा सेंटर है, देश का एक चौथाई हिस्सा सिर्फ उत्तर प्रदेश है. उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है.


सीएम योगी ने लोगों को एक भरोसा दिया है जिसके कारण बड़ी-बड़ी कंपनियां दूसरे देश में अपने उत्पादन को बंद कर उत्तर प्रदेश को पसंद कर रही है. जैसे सैमसंग कंपनी चाइना से उत्पादन बंद कर आज नोएडा में डेढ़ लाख मोबाइल प्रतिदिन उत्पादन कर रही. इसी तरह स्कूटी से लेकर बस तक इलेक्ट्रॉनिक्स आ रही है. इसका लाभ उत्तर प्रदेश को मिलेगा. जब निवेश होगा तो रोजगार का सृजन होगा, लाखों युवकों को, व्यापारियों को एक प्लेटफार्म मिलेगा.


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