Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ मंगलवार से क्रियाशील हो गई है. यहां आठ रिसर्च एसोसिएट, ओएसडी और डीन के साथ ही कुछ प्रोफेसर एक सप्ताह के अंदर कार्य शुरू कर देंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गुरु श्रीगोरक्षनाथ मंदिर और नाथ योगियों पर शोध के लिए विश्वविद्यालय द्वारा इसे शुरू किया गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका शिलान्यास और लोकार्पण किया था. अब गुरु गोरखनाथ और नाथपंथ के योगियों पर शोध से उसके योगियों और नाथपंथ की ऐसी जानकारियां भी लोगों के सामने आएंगी, जिसकी आमतौर पर लोगों को नहीं जानकारी है.दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि गुरु श्री गोरक्षनाथ शोधपीठ में शोध कार्य के लिए फैकल्टी मंगलवार से बैठने लगेगी. वहां पर आठ रिसर्च एसोसिएट, ओएसडी और डीन के साथ ही कुछ प्रोफेसर्स को इंचार्ज बनाया गया है.
सात हजार स्क्वायर फीट में बनाया जाएगा नाथ पंथ का संग्रहालय
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से फर्नीचर की व्यवस्था की जा रही है. वहां पर फैकल्टी मेंबर बैठना शुरू कर देंगे. फरवरी तक स्टाफ की भर्ती भी कर ली जाएगी. गंभीरनाथ चेयर के लिए यूजीसी नार्म में एप्लीकेशन इनवाइट किया है. नया प्रपोजल संस्कृत विभाग में गया है. संस्कृत मंत्री और प्रमुख सचिव से भी चर्चा हुई है. कुलपति ने बताया कि रिसेप्शन एरिया में नवनाथ की मूर्तियां लगनी है. यहां उनके बारे में लिखा जाएगा. इसके साथ ही सात हजार स्क्वायर फीट में नाथ पंथ का संग्रहालय बनाया जाएगा. इसमें शोधार्थी नाथ पंथ,उनके इतिहास और गोरखनाथ मंदिर के इतिहास के बारे में जान सकेंगे.
शोधार्थियों के लिए होगी डिजिटल लाइब्रेरी
इसके साथ ही डिजिटल लाइब्रेरी भी शोधार्थियों के लिए होगी. साथ ही शोधार्थियों को संत कबीर और भगवान बुद्ध के बारे में जानने और शोध का अवसर मिलेगा. इसमें अनुवाद, दर्शन, नाथ पंथ की भाषा, साहित्य, इंटरनेशनल अप्रोच और अन्य विषयों के बारे में शोध और जानकारी मिलेगी. वहीं कुलपति ने एक समिति का गठन किया है. जो एक सप्ताह के भीतर कार्यदायी संस्था से नए भवन का हस्तांतरण सुनिश्चित करेगी.
सीएम योगी ने किया था श्री गोरक्षनाथ शोध पीठ का शिलान्यास
गुरु श्री गोरक्षनाथ शोध पीठ का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 30 नवंबर 2018 को किया था. इसका लोकार्पण भी उन्हीं के हाथों 30 दिसंबर 2021 को हुआ. शोधपीठ के भवन का निर्माण करने वाले कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर संदीप कुशवाहा ने बताया कि मार्च 2020 से इसका कार्य शुरू हुआ है. लॉकडाउन को देखते हुए कार्य देरी से शुरू हो गया. नाथ संप्रदाय के लिए विभिन्न विषयों के लिए अलग-अलग कमरे और भव्य कांफ्रेंस हाल ग्राउंड फ्लोर पर बना है. लाइब्रेरी, मीटिंग रूम, रिसेप्शन एरिया भी तैयार है. यहां एक ओर गुरु श्री गोरक्षनाथ की प्रतिमा लगेगी. ये भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है. शोधार्थियों के रहने के लिए वेटिंग रूम भी बनाए गए हैं. कम्प्यूटर सेक्शन, संग्रहालय और लाइट एंड साउंड रूम भी है. यहां सभी आधुनिक सुविधाएं शोधार्थियों को मिलेगी.
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