Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे में एक के बाद एक कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. प्रदेश भर में जो 8,441 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं, उनमें 1500 से अधिक मदरसे नेपाल बॉर्डर से सटे जिलों में है. ज्यादातर मदरसों से जब उनकी आय का स्त्रोत पूछा गया तो उन्होंने जकात बताया. वहीं अब पता लगाया जाएगा की इन मदरसों में जकात कहां से मिल रही है, क्योंकि मामला कहीं ना कहीं इंटरनल सिक्योरिटी से भी जुड़ जाता है. ऐसे में इंडो-नेपाल बॉर्डर के पास जो भी गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले हैं उनकी जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा. वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि जो सीमावर्ती क्षेत्र हैं वहां पर मदरसों के माध्यम से असामाजिक और गैर कानूनी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे सभी मदरसों को चिन्हित किया गया है.
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री के अनुसार जल्द ही मदरसों के सर्वे की रिपोर्ट के साथ मुख्यमंत्री के यहां बैठक भी होगी. ज्यादातर मदरसों ने अपनी आय का स्त्रोत जकात को बताया है, लेकिन जकात कहां से आई इसकी विस्तृत जानकारी नहीं मिली है. हालांकि, कई मदरसों ने मौखिक रूप से यह जरूर बताया कि उन्हें कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद समेत कई महानगरों से जकात मिलती है. कुछ मदरसों ने दुबई और नेपाल से भी सहयोग राशि मिलने की बात कही है. अब लिखित में इससे जुड़े दस्तावेज खंगाले जाएंगे कि कहां से कितना पैसा आया. इसके लिए सीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी जिसमें आगे की कार्रवाई पर मंजूरी ली जाएगी.
जानें कहां और कितने गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले
- सिद्धार्थनगर में 500 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले.
- बलरामपुर में 400 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले.
- लखीमपुर खीरी में 200 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले.
- महराजगंज में 60 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले.
- बहराइच तथा श्रावस्ती में 400 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त मदरसे मिले.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा
दरअसल, गैरमान्यता प्राप्त मदरसों को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि यह जानकारी में आया है कि जो सीमावर्ती क्षेत्र हैं वहां पर असामाजिक और गैर कानूनी गतिविधियों में मदरसों के माध्यम से बढ़ोतरी हुई है. ऐसे सभी मदरसों को चिन्हित किया गया है, हर स्थिति में हम कानून के राज को मेंटेन करेंगे. गैरकानूनी असामाजिक गतिविधियों को बिल्कुल नहीं चलने देंगे और कड़ी कार्रवाई करेंगे. देश विरोधी ताकतें, समाज विरोधी ताकतों को हम पनपने नहीं देंगे.
कुल 8,441 गैरमान्यता प्राप्त मदरसा
गैरमान्यता प्राप्त मदरसों को लेकर बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष बासित ली ने कहा देश की सुरक्षा से किसी कीमत पर समझौता नहीं हो सकता है.अगर ऐसा कोई मदरसा संचालक हैं तो उन्हें अपने आप सरकार को बता देना चाहिए कि उनका पैसा कहां से आ रहा है. अगर वह नहीं बताएंगे तो सरकार जानकारी निकलेगी तो हो सकता उसमें कुछ ऐसी चीजें भी आएं जिससे उनको भी दुख हो और आगे कठिनाई का सामना करना पड़े. जो लोग ऐसे मदरसों को सपोर्ट कर रहे हैं या चला रहे उनको तत्काल ऐसे मदरसे बंद करके सरकार का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि देश की सुरक्षा से ज्यादा कुछ नहीं है. जो मदरसे के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने के साथ मदरसों को बदनाम करने का भी काम कर रहे हैं, अगर कहीं से गलत तरीके से पैसा ले रहे हैं तो खुद बता दें. उन्हें देखना चाहिए कि उनकी वजह से देश पर खतरा ना आए. वहीं यह मुसलमानों और मदरसों को बदनाम करने की बाहरी मुल्कों की साजिश हो सकती है. मालूम हो कि कुल 8,441 गैरमान्यता प्राप्त मदरसों में 7 लाख 64 हज़ार 164 छात्र पढते हैं.