UP Politics: बीजेपी के खिलाफ नीतीश कुमार और ममता बनर्जी में कौन है बेहतर उम्मीदवार? केशव प्रसाद मौर्य ने दिया ये जवाब
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) में से बेहतर पीएम उम्मीदवार कौन होगा, इसपर केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने जवाब दिया है.
UP News: उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में अगले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) को लेकर सियासत तेज हो गई है. हर पार्टी अब अपनी रणनीति के अनुसार चुनावी तैयारियों में लग गई है. इसी बीच बीजेपी (BJP) के खिलाफ कुछ नेता विपक्ष को लामबंद करने के प्रयास में लगे हुए हैं. इन नेताओं में बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) की सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के नाम की काफी चर्चा है. दोनों ही नेताओं का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए लिया जा रहा है. इसको लेकर सवाल पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने बड़ा बयान दिया है.
यूपी के डिप्टी सीएम से एबीपी न्यूज के शो प्रेस कांफ्रेंस में सवाल किया गया कि बीजेपी के खिलाफ नीतीश कुमार और ममता बनर्जी में उम्मीदवार कौन है? इसपर डिप्टी सीएम ने कहा, "मैं समझता हूं कि विपक्ष रहेगा ही नहीं तो इस सवाल को पास कर दीजिए तो अच्छा है. पीएम पद के लिए विपक्षी दल आपस में चुनाव कर लें कि कौन उनका उम्मीदवार है. पीएम नरेंद्र मोदी वर्तमान प्रधानमंत्री हैं और देश में 2024 के बाद भी प्रधानमंत्री रहेंगे."
जातिगत जनगणना पर क्या कहा?
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "और जैसे 2014 में सांसद ज्यादा सांसद 2019 में जीते थे, उसी तरह 2019 से ज्यादा सांसद 2024 में जीतेंगे." डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इस कार्यक्रम के दौरान कई मुद्दों पर बेबाकी से जवाब दिया. उन्होंने जातिगत जनगणना कराने की मांग पर कहा, "मेरा सवाल उन लोगों से है. लेकिन हम इसके समर्थन में हैं, उसके विरोध में नहीं हैं. मैं जातिगत जनगणना के विरोध में नहीं हूं, बल्कि समर्थन में ही हूं. ये होनी चाहिए, इसमें कोई गलत नहीं है."
डिप्टी सीएम ने आगे कहा, "लेकिन जो आज ये सवाल कर रहे हैं, उनसे मैं पूछना चाहता हूं कि 2004 से 2014 तक ये सत्ता में थे. इनके ही समर्थन से केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब ये जातिगत जनगणना भूल गए थे. आज एक गरीब मां-बाप का बेटा देश का प्रधानमंत्री है और देश के कई राज्यों के अंदर एक अलग वातावरण बना हुआ है. इसलिए केवल ये एक चुनावी मुद्दा है. जब कोई एक चुनाव आता है तो विपक्ष ऐसा मुद्दा लेते आता है."
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