Ram Mandir Land Scam: जिनके हाथों में राम भक्तों का खून, उनसे सलाह की जरूरत नहीं- केशव प्रसाद मौर्य
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर की जमीन खरीद में घोटाले के आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होने कहा कि जिनके हाथों में राम भक्तों का खून है, हमें उनसे सलाह की जरूरत नहीं है.
लखनऊ. अयोध्या में राम मंदिर की जमीन खरीद में घोटाले के आरोपों पर सियासत तेज हो गई है. तमाम विपक्षी दल एकसुर में इसको लेकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, प्रदेश के डिप्टी सीएम ने इन आरोपों के बाद तीखी प्रतिक्रिया दी है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आश्वासन दिया कि जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.
डिप्टी सीएम ने तंज कसते हुए कहा, "हमें उन लोगों से सलाह की जरूरत नहीं जिनके हाथ राम भक्तों के खून से सने हैं. मंदिर का ट्रस्ट मामले की जांच कर रहा है. अगर कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा."
We don’t need advice from those who have blood of Ram bhakts on their hands. Temple Trust is investigating the issue. Guilty, if any, will be punished: UP Deputy CM Keshav Prasad Maurya on alleged Ram Temple land scam pic.twitter.com/GphpMxjCT3
— ANI UP (@ANINewsUP) June 14, 2021
क्या है मामला?
दरअसल आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत वाली जमीन 18 करोड़ रुपये में खरीदी. उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराए.
संजय सिंह ने पेश किए दस्तावेज
संजय सिंह ने कुछ दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि कोई कल्पना भी नहीं कर सकता कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के नाम पर कोई घोटाला और भ्रष्टाचार करने की हिम्मत करेगा. राम जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर चंपत राय जी ने करोड़ों रुपए चंपत कर दिए. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अयोध्या सदर तहसील के बाग बिजैसी गांव में पांच करोड़ 80 लाख रुपये की मालियत वाली गाटा संख्या 243, 244 और 246 की जमीन सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी नामक व्यक्तियों ने कुसुम पाठक और हरीश पाठक से 18 मार्च को दो करोड़ रुपए में खरीदी थी. शाम सात बजकर 10 मिनट पर हुई इस जमीन खरीद में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह बने थें. उसके ठीक पांच मिनट के बाद इसी जमीन को चंपत राय ने सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी से साढ़े 18 करोड़ रुपए में खरीदा, जिसमें से 17 करोड़ रुपए आरटीजीएस के जरिए पेशगी के तौर पर दिए गए.
वहीं, चंपत राय ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह के आरोपों से नहीं डरते. वह खुद पर लगे आरोपों का अध्ययन करेंगे.
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