रिटायर हुए यूपी के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी, कौन बनेगा नया पुलिस मुखिया, लिफाफे में बंद 3 आईपीएस की किस्मत
आईपीएस मुकुल गोयल और आईपीएस डॉक्टर आरपी सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर नए डीजीपी की तस्वीर काफी साफ कर दी है. यूपीएससी ने सीनियरिटी के आधार पर 3 नाम मुख्यमंत्री को भेजे हैं.
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UP Police New DGP: यूपी के डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी आज रिटायर हो गए हैं और पुलिस मुखिया की तलाश भी आज ही खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है. नए डीजीपी की घोषणा होने तक अवस्थी ने एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार को अपना प्रभार सौंपा है. मंगलवार को दिल्ली में यूपीएससी की बैठक में 3 आईपीएस अधिकारियों का नाम चुनकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया गया है. पैनल में शामिल तीनों अधिकारियों की किस्मत फिलहाल मुख्यमंत्री के पास मौजूद लिफाफे में बंद है. उम्मीद जताई जा रही है कि शाम तक मुख्यमंत्री लिफाफा खोलकर किसी एक अधिकारी का नाम बतौर डीजीपी घोषित करेंगे.
हालांकि, मंगलवार शाम को ही आईपीएस मुकुल गोयल और आईपीएस डॉक्टर आरपी सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर नए डीजीपी की तस्वीर काफी साफ कर दी है. माना जा रहा है कि नया डीजीपी इन्हीं 2 अधिकारियों में से किसी को बनाया जा सकता है.
सूत्रों का कहना है यूपीएससी ने सीनियरिटी के आधार पर 3 नाम मुख्यमंत्री को भेजे हैं. वैसे यूपी के सबसे सीनियर आईपीएस 1986 बैच के नासिर कमाल हैं जो डेपुटेशन पर तैनात हैं लेकिन योगी सरकार उन्हें डीजीपी बनाने के पक्ष में नही दिख रही. ऐसी चर्चा है कि नासिर कमाल खुद भी यूपी का डीजीपी बनने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में सबसे पहला और महत्वपूर्ण नाम 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी मुकुल गोयल का आता है. मुकुल गोयल फिलहाल डेपुटेशन पर हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली के रहने वाले मुकुल गोयल की पृष्ठभूमि काफी मजबूत है और भाजपा संगठन से जुड़े कुछ बड़े लोग भी उनकी पैरवी कर रहे हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इन दिनों किसान आंदोलन ने सरकार को परेशान कर रखा है.
भाजपा ने वरिष्ठता के आधार पर ही डीजीपी बनाए हैं
मुकुल गोयल की किसानों में गहरी पैठ है और यह माना जा रहा है कि वह किसान आंदोलन का कोई रास्ता निकाल सकते हैं. इसके अलावा मुकुल गोयल लंबे समय तक एडीजी कानून व्यवस्था का पद भी संभाल चुके हैं. उनकी नौकरी भी 2024 तक बाकी है. यही वजह है उनके डीजीपी बनने की संभावनाएं सबसे ज्यादा हैं.
डीजीपी की कुर्सी के लिए दूसरा नाम डॉक्टर आरपी सिंह का है. आरपी सिंह फिलहाल ईओडब्ल्यू और एसआईटी के डीजी हैं. उन्होंने बीते 4 सालों में कई महत्वपूर्ण गड़बड़ियों और घोटालों की जांच करके बेहतर परिणाम दिए हैं. इसके अलावा पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी आरके विश्वकर्मा का नाम भी चर्चा में है. भाजपा ने हमेशा वरिष्ठता के आधार पर ही डीजीपी बनाए हैं. साल 2017 में सरकार बनने के बाद डीजीपी बने सुलखान सिंह यूपी आईपीएस कैडर के सबसे सीनियर अधिकारी थे. उनके बाद आए ओपी सिंह भी सबसे सीनियर थे और वर्तमान डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी भी यूपी कैडर के सबसे सीनियर आईपीएस अधिकारी हैं. चूंकि, यह साल चुनावी है. अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं इसलिए सरकार अपनी पसंद का कोई आईपीएस अधिकारी भी चुन सकती है. इसमें डीजी जेल आनन्द कुमार और डीजी इंटेलिजेंस डीएस चौहान के नाम भी लिए जा रहे हैं.
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