UP DGP News: डीजीपी की रेस में है इन अधिकारियों का नाम, सीएम योगी को है ऐसे अफसर की है तलाश
शासन, सत्ता और पुलिस महकमे के गलियारों में चर्चा है कि 88 बैच के आईपीएस अधिकारी डीएस चौहान को ही स्थाई डीजीपी बनाया जाएगा. सिर्फ 3 महीने का इंतजार किया जा रहा है.
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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मुकुल गोयल को डीजीपी (UP DGP) पद से हटाने और डीएस चौहान को कार्यवाहक बनाने के बीच स्थाई डीजीपी की नियुक्ति की औपचारिकता निभाने की भी तैयारी की जा रही है. इसके लिए 30 साल की सेवा पूरी कर चुके यूपी कैडर के आईपीएस अफसरों का नाम यूपीएससी को भेजा जाना है. यूपीएससी (UPSC) को जिन आईपीएस अफसरों के नाम भेजे जाने हैं, उनका कार्यकाल कम से कम 6 महीने तक का होना चाहिए. इसके अलावा चुने गए अफसरों पर किसी तरह की जांच नहीं होनी चाहिए.
कौन से नाम हैं डीजीपी बनने की लिस्ट में
डीजीपी बनने के लिए उत्तर प्रदेश के आईपीएस अफसरों में सबसे सीनियर आईपीएस डॉक्टर आरपी सिंह हैं. 1987 बैच के आईपीएस डॉक्टर आरपी सिंह के बाद इसी बैच के विश्वजीत महापात्रा का नाम आता है जबकि तीसरे नंबर पर डॉक्टर जीएल मीना का नाम है. 1988 बैच के आईपीएस अनिल कुमार अग्रवाल चौथे नंबर पर हैं जो वर्तमान में डेपुटेशन पर तैनात हैं. पांचवें नंबर पर आरके विश्वकर्मा का नाम है. कार्यवाहक डीजीपी बने डीएस चौहान छठे नंबर पर हैं. डीएस चौहान भी 1988 बैच के आईपीएस अफसर हैं. सातवें नंबर पर 88 बैच के ही आईपीएस अफसर आनंद कुमार और आठवें नंबर पर विजय कुमार का नाम है.
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1-कौन हैं डॉक्टर आरपी सिंह
सबसे सीनियर आईपीएस अफसर डॉ. आरपी सिंह की गिनती एक समय मुख्यमंत्री के पसंदीदा अफसरों में हुआ करती थी. उनके पास ईओडब्लू और एसआईटी दोनों का चार्ज था. उन्होंने अपने कार्यकाल में आजम खान समेत पावर कॉरपोरेशन का पीएफ घोटाला, बाइक बोट घोटाला, सहकारिता भर्ती घोटाला और मदरसा प्रकरण जैसी तमाम जांचों को अंजाम तक पहुंचाया. हालांकि, उनकी कुछ शिकायतें भी आईं जिससे सीएम नाराज हो गए और उन्हें डीजी ट्रेनिंग के पद पर भेज दिया गया. डॉ. आरपी सिंह का नाम तब भी डीजीपी बनने की रेस में था जब मुकुल गोयल को यह कुर्सी सौंपी गई थी. गृह विभाग के अधिकारी भी उन्हें बतौर डीजीपी देखना चाह रहे थे. शासन-प्रशासन में चर्चा है कि आरपी सिंह सीएम की नाराजगी की वजह से अब डीजीपी की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाएंगे. उनका रिटायरमेंट फरवरी 2023 को है.
2-कौन हैं विश्वजीत महापात्रा
सीनियरिटी लिस्ट में दूसरे नंबर के आईपीएस अफसर विश्वजीत महापात्रा इसी जुलाई में रिटायर हो जाएंगे. महापात्रा नागरिक सुरक्षा के डीजी थे लेकिन मुकुल गोयल के डीजीपी पद से हटने के बाद उन्हें डीजी सहकारिता के पद पर नियुक्त किया गया है. वह डीजी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन, डीजी सीबीसीआईडी, डीजी फायर सर्विस रहे. वाराणसी जोन के एडीजी भी रहे. महापात्रा को सीबीसीआईडी में लंबित किसी गंभीर मामले की जांच में हीला हवाली के चलते हटाया गया था.
3-कौन हैं डॉक्टर जीएल मीना
तीसरे नंबर पर डॉ. जीएल मीना हैं. मूल रूप से जयपुर राजस्थान के मीना अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व करते हैं. मीना को सराहनीय सेवाओं और दीर्घ एवं विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक मिल चुका है. पुलिस महानिदेशक का स्वर्ण और रजत प्रशंसा पदक भी उन्हें मिला है. डॉक्टर मीना होमगार्ड और मानवाधिकार आयोग के भी डीजी रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन, पीएसी, रेलवे, कारागार और एसआईटी के एडीजी, प्रयागराज और वाराणसी जोन के आईजी, चित्रकूट, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर, मुरादाबाद और कानपुर रेंज में डीआईजी के तौर पर तैनात रहे. वे इस समय सीबीसीआईडी के डीजी हैं. उनका रिटायरमेंट 31 जनवरी को है इसलिए उन्हें भी रेस से बाहर माना जा रहा है.
4-अनिल अग्रवाल कौन हैं
चौथे नंबर पर जिन आईपीएस अधिकारी का नाम है, वह हैं अनिल अग्रवाल. अनिल अग्रवाल डेपुटेशन पर हैं इसलिए उन्हें रेस से बाहर माना जा रहा है.
5-कौन हैं आरके विश्वकर्मा
पांचवे नंबर पर डॉक्टर आरके विश्वकर्मा का नाम है जो इस समय उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड के डीजी हैं. विश्वकर्मा साफ-सुथरी छवि के अधिकारी हैं. विश्वकर्मा डीजी फायर सर्विस का भी अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे और उन्हें ईओडब्ल्यू का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. इससे पहले डॉक्टर विश्वकर्मा पीएसी में बतौर एडीजी तैनात थे. विश्वकर्मा वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, अलीगढ़, बस्ती, मुरादाबाद, एटा, मैनपुरी और एसटीएफ में एसएसपी रहे. एडीजी वाराणसी जोन और एडीजी टेक्निकल भी रहे. आरके विश्वकर्मा मई 2023 में रिटायर होंगे.
6-कौन हैं डीएस चौहान
छठे नंबर पर आईपीएस अधिकारी डीएस चौहान हैं. हालांकि, चौहान को कार्यवाहक डीजीपी बना दिया गया है और उन्हें ही स्थाई डीजीपी बनाने की चर्चा है. डीएस चौहान के पक्ष में सारे समीकरण हैं. वर्तमान में उनके पास डीजी इंटेलिजेंस की कुर्सी के साथ ही डीजी विजिलेंस का अतिरिक्त प्रभार है. उनकी पत्नी राधा एस. चौहान हाल ही में डेपुटेशन पर गई हैं और उन्हें सबसे मजबूत मानी जाने वाली डीओपीटी में नियुक्ति मिली है. डीएस चौहान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफी करीबी माने जाते हैं. योगी सरकार के पहले कार्यकाल में उन्हें डेपुटेशन से बुलाया गया था. जातीय आधार पर भी डीएस चौहान का दावा मजबूत बन रहा है. डीएस चौहान मार्च 2023 में रिटायर होंगे.
7-कौन हैं आनंद कुमार
डीजीपी की रेस में सबसे प्रमुख और महत्वपूर्ण नाम आनंद कुमार का भी है. आनंद कुमार वर्तमान में डीजी जेल के पद पर तैनात हैं. बीजेपी के पहले कार्यकाल में आनंद कुमार लगभग 2 साल एडीजी कानून व्यवस्था के तौर पर शानदार काम कर चुके हैं. जेल में भी उन्होंने बेहतरीन और रचनात्मक कार्य किए हैं. उन्हें भी मुख्यमंत्री की पसंद का अफसर माना जाता है. आनंद कुमार अप्रैल 2024 में रिटायर होंगे.
योगी को कैसे डीजीपी की तलाश है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डीजीपी की कुर्सी पर एक खास खूबियों वाले अधिकारी को ही बैठाना चाहते हैं. मुख्यमंत्री खुद एक्टिव रहते हैं. सुबह जल्दी उठते हैं. देर रात तक काम करते हैं. ऐसे में वे डीजीपी भी इसी तरह का चाहते हैं जो सुबह जल्दी उठकर एक्टिव हो जाए. काम के लिए दिन और रात न देखे. जिलों में होने वाले हर छोटे-बड़े अपराध की जानकारी रखे. अधिकारियों पर नजर रखें और उनकी लगाम कसे रहे. पुलिस महकमे की छवि को साफ सुथरा बनाएं. पुलिसिंग और अधिकारियों के कामकाज की समीक्षा करे और जिलों का लगातार दौरा करता रहे.
तीन महीने का इंतजार फिर स्थाई तैनाती
शासन, सत्ता और पुलिस महकमे के गलियारों में चर्चा है कि 88 बैच के आईपीएस अधिकारी डीएस चौहान को ही स्थाई डीजीपी बनाया जाएगा. सिर्फ 3 महीने का इंतजार किया जा रहा है. दरअसल, डीजीपी पद के लिए यूपीएससी के मानकों के मुताबिक आईपीएस अफसर की कम से कम 6 महीने की नौकरी बाकी होनी चाहिए. वरिष्ठता सूची में दूसरे नंबर के आईपीएस अफसर विश्वजीत महापात्रा जुलाई में रिटायर हो जाएंगे तो तीसरे नंबर के आईपीएस गोपाल लाल मीणा को जनवरी 2023 में रिटायर होना है. यानी दोनों ही अफसर 6 महीने की न्यूनतम सेवा अवधि के मानक पूरे नहीं कर रहे हैं.
ऐसे में डीएस चौहान सीनियरिटी लिस्ट में अपने आप तीसरे नंबर पर आ जाएंगे और उनका दावा यूपीएससी में भी मजबूत हो जाएगा. चर्चा है कि डीएस चौहान को 3 महीने तक कार्यवाहक डीजीपी के पद पर बनाए रखा जाएगा. टॉप थ्री में से 2 आईपीएस के रेस से बाहर होने के बाद उनकी स्थाई डीजीपी के पद पर तैनाती का रास्ता साफ हो जाएगा.
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