(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Dial-112 Protest: हंगामा करने वाली 200 से ज्यादा महिलाकर्मियों पर केस, ADG को हटाया, जानें- क्या है डायल-112 कर्मचारियों की मांग
UP Dial-112 News: उत्तर प्रदेश की डायल-112 आपातकालीन हेल्पलाइन की महिला कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया है. अब इस मामले में पुलिस ने भी एक्शन लिया है.
UP Dial-112 Protest: लखनऊ पुलिस ने आपातकालीन हेल्पलाइन यूपी-112 की अनुबंधित महिला कर्मचारियों में से पांच के खिलाफ नामजद और 200 अज्ञात महिलाकर्मियों पर बुधवार को मामला दर्ज किया. एक दिन पहले इन वेतन वृद्धि और नौकरी की सुरक्षा की मांग को लेकर यहां मुख्यालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया था. पुलिस उप निरीक्षक धीरेंद्र प्रताप सिंह की शिकायत पर सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस थाना में यह प्राथमिकी दर्ज की गई.
अपर पुलिस उपायुक्त (साउथ जोन) शशांक सिंह ने बताया कि प्रदर्शनकारियों पर भारतीय दंड संहिता की (आईपीसी) की धारा 147 (दंगा करना), 149 (गैर कानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य), 188 (पांच से अधिक लोग एकत्रित होने), 283 (सार्वजनिक मार्ग में बाधित) और 341 (गलत ढंग से रोकना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में नामजद लोगों में हरिश्ता श्रीवास्तव, पूजा सिंह, रीना शर्मा, शशि शामिल हैं और अन्य अज्ञात की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है. प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने लखनऊ के ईको-गार्डन में बुधवार को अपना प्रदर्शन जारी रखी.
यूपी-112 के एडीजी को हटाया
कई महिलाकर्मियों के विरोध प्रदर्शन के बीच राज्य सरकार ने अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) यूपी-112 को हटा दिया है. गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 1991 बैच की आईपीएस अधिकारी नीरा रावत को यूपी-112 का नया एडीजी बनाया गया है. वह यूपी 112 के मौजूदा एडीजी अशोक कुमार सिंह की जगह लेंगी.
क्या है महिलाकर्मियों की मांग?
महिलाकर्मियों की मांग है कि उन्हें नए ऑफर लेटर के साथ 18 हजार रुपये वेतन दिया जाए, तभी वे काम करेंगी. महिला कर्मियों का आरोप है कि पिछले 5 साल से वह लगातार एक ही वेतन पर काम कर रही हैं. उन्हें दिलासा दिलाया गया था कि जल्द उनका वेतन बढ़ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब हड़ताल करने पर उनको धमकियां भी दी जा रही हैं. दरअसल, अभी तक डायल-112 के कंट्रोल रूमों को मैनपॉवर उपलब्ध कराने का टेंडर एमडीएसएल/ टेक महिंद्रा के पास था.
कंपनी पर लगाए ये आरोप
इसका कार्यकाल समाप्त होने के बाद ये टेंडर 3 नवंबर से वी विन कंपनी के पास आ गया. कर्मचारियों का आरोप है कि इस कंपनी ने हमसे कोई कॉन्ट्रेक्ट साइन नहीं किया और नए नियुक्ति पत्र दिए बिना ही काम कराया जा रहा है. महिला कर्मचारियों का कहना है कि नई कंपनी अपने मनमाने एजेंडे से काम कराने के लिए दबाव डाल रही है. पांच साल से उनकी कोई सेलरी भी नहीं बढ़ी है. उन्हें नियुक्ति पत्र के साथ 18 हजार रुपये वेतन चाहिए, तभी वे काम करेंगी.
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