यूपी: पीएम रिपोर्ट में खुलासा- कार्डियक अरेस्ट से हुई थी पूर्व विधायक निर्वेंद्र की मौत, जांच के लिए समिति गठित
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है और इसमें चोटों का कोई जिक्र नहीं है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लखीमपुर खीरी जिले में पूर्व विधायक निर्वेंद्र कुमार मुन्ना की मौत की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. जमीन के विवाद में रविवार को मुन्ना की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. समिति में एएसपी खीरी, सर्कल ऑफिसर सिधौली और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर शामिल हैं. समिति सर्कल ऑफिसर कुलदीप कुकरेती और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच करेगी और तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट
कुकरेती को पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है, जबकि एक चौकी प्रभारी और दो बीट कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है. घटना को लेकर विपक्ष द्वारा राज्य सरकार पर तीखा हमला करने के बाद यह कदम उठाया गया. इससे पहले, दिवंगत विधायक के परिवार के आरोपों को खारिज करते हुए, लखीमपुर खीरी के एसएसपी सतेंद्र कुमार ने कहा था कि पूर्व विधायक दूसरे पक्ष के साथ बहस के दौरान जमीन पर गिर पड़े थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है और इसमें चोटों का कोई जिक्र नहीं है. तीन बार के विधायक को अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
मुन्ना और उनके बेटे, संजीव पर पूर्व में इसी मामले में सीआरपीसी की धारा 107/116 के तहत 'शांति भंग' करने का आरोप लगाया गया था. मीडिया से संजीव ने कहा, "हमारी पुश्तैनी जमीन पर एक मामला लंबित है और लॉकडाउन व पुलिस मौजूदगी के बावजूद दूसरे पक्ष के 50-60 लोग आए थे. वे जमीन की जुताई कर रहे थे और जब हमने उन्हें रोका, तब उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया."
उन्होंने आगे कहा, "जब मेरे पिता ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो उन्होंने उन्हें भी पीटा. उनकी मौके पर ही मौत हो गई. हम उन्हें स्थानीय लोगों के सहयोग से पलिया के एक अस्पताल ले गए. जबकि विरोधी पक्ष के कुछ सदस्यों को ग्रामीणों ने पकड़ लिया, लेकिन बाद में सर्किल ऑफिसर कुलदीप कुकरेती पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे और उन्होंने मेरी पत्नी और मां की पिटाई की और उन सभी को बचाया."
विपक्ष ने साधा निशाना
इस घटना ने जल्द ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के ट्वीट के साथ राजनीतिक मोड़ ले लिया, उन्होंने ट्वीट कर कहा, "भाजपा राज में प्रदेश की जनता कानून-व्यवस्था के विषय पर चिंतित ही नहीं, भयभीत भी है." राज्य की कांग्रेस इकाई ने ट्वीट किया, "एक और ब्राह्मण की हत्या. यूपी में जंगल राज भयावह हो रहा है."
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