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UP Politics: अखिलेश यादव से नाराजगी के बीच शिवपाल के अगले कदम पर निगाहें, जानिए उनके पास क्या है विकल्प?
Shivpal Yadav: यूपी की सियासत में शिवपाल यादव के अगले कदम को समझना मुश्किल हो रहा है. वो जिस तरह से सही समय का इंतजार करने की बात कह रहे हैं उससे साफ है कि वो कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहे हैं
UP Politics: पिछले दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात ने यूपी का सियासी तापमान बढ़ाया हुआ है. आलम ये है कि शिवपाल के अगले कदम को समझना इतना भी आसान नहीं है. लेकिन वो जिस तरह पिछले 2 दिन से बार-बार सही समय का इंतजार करने की बात कह रहे हैं. उससे साफ है कि वो कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. हालांकि भाजपा भी शिवपाल को साथ लाने पर अभी खुलकर कुछ बोलने का तैयार नहीं हैं.
क्या करेंगे शिवपाल यादव?
दरअसल शिवपाल यादव चुनावी मौसम में भी ऐसे ही धर्मसंकट में दिखाई दे रहे थे. जब तक सपा के साथ उनके गठबंधन का औपचारिक एलान नहीं किया था तब भी उनके ऐसे ही बयान देखने को मिल रहे थे. लेकिन अब जबकि विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. नया दौर है और इस दौर में शिवपाल की बैचेनी को साफ संकेत दे रही है कि वो सिर्फ एक सीट की सियासत पर सिमट कर नहीं रहना चाहते हैं. शिवपाल से जुड़े सूत्रों को दावा है कि उन्होंने मुलायम सिंह यादव को सारी बात बताई हैं, मुलायम ने उन्हें आशीर्वाद दिया है कि आप अगला कदम उठाने के लिए स्वतंत्र हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि शिवपाल के सामने क्या विकल्प हैं
शिवपाल के सामने विकल्प नंबर 1
शिवपाल के सामने विकल्प नंबर 1
शिवपाल सिंह यादव के सामने एक विकल्प ये हैं कि वो जसवंतनगर सीट से इस्तीफा दे दें और अपने बेटे आदित्य को इस सीट से उपचुनाव लड़ाएं. उपचुनाव में वो भाजपा के साथ गठबंधन कर बेटे को मैदान में उतारें.
विकल्प नंबर 2
शिवपाल यादव भाजपा के कोटे से राज्यसभा जा सकते हैं. उत्तर प्रदेश में इस साल 11 राज्यसभा सीटों पर चुनाव है. 4 जुलाई को ये राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं. बेटे को विधानसभा का उपचुनाव लड़वाकर वो राज्यसभा में एंट्री ले सकते हैं.
विकल्प नंबर 3
शिवपाल यादव आजमगढ़ लोकसभा सीट से भी उपचुनाव लड़ सकते हैं. ये सीट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई है. छह महीने के भीतर इस सीट पर उपचुनाव होना है. ऐसे में वो भाजपा के समर्थन से इस सीट पर उपचुनाव लड़ सकते हैं.
विकल्प नंबर 4
शिवपाल यादव के सामने एक विकल्प ये भी कहा कि वो जसवंतनगर सीट से इस्तीफा दे दे और फिर अपने बेटे आदित्य को इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाए और खुद भाजपा की मदद से विधान परिषद में जा सकते हैं.
विकल्प नंबर 5
इसके अलावा शिवपाल यादव के पास एक विकल्प ये है कि वो सपा गठबंधन में सेंध लगाएं और कुछ दलों को भाजपा के साथ ले आए. इससे बीजेपी में उनका कद भी बढ़ सकता है और वो अपनी बात मजबूती से रख सकते हैं.
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