(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP के चार हिस्से करने पर कैसी होती तस्वीर? कुछ यूं होता मैप, मायावती ने पेश किया था प्रस्ताव
Lok Sabha Election 2024: केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती भी यूपी को चार हिस्सों में बांटने के प्रस्ताव रख चुकी हैं. उन्होंने केंद्र सरकार को भी ये प्रस्ताव भेजा था.
UP Divided in Four States: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) से पहले यूपी में एक बार फिर से प्रदेश के विभाजन का मुद्दा गरमा गया है. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान (Sanjeev Balyan) ने पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाना चाहिए और मेरठ की इसकी राजधानी बनाना चाहिए. उन्होंने कहा, इस क्षेत्र की आबादी आठ करोड़ है और यहां से हाईकोर्ट 750 किमी. दूर है. ऐसे में इसे अलग राज्य बनाने की मांग एकदम जायज है. ये पहली बार नहीं है जब यूपी के विभाजन की मांग तेज हुई हो, 12 साल पहले भी बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव दिया था.
दरअसल ये बात साल 2011 की है जब यूपी में बहुजन समाज पार्टी की सरकार हुआ करती थी, 2012 विधानसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी को चार हिस्सों पूर्वांचल, पश्चिम प्रदेश, अवध प्रदेश और बुंदेलखण्ड में बांटने का प्रस्ताव दिया था. 16 नवंबर 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मंत्रिपरिषद की बैठक में इसे मंजूरी दी और फिर इसे यूपी विधानसभा में पेश किया गया. यूपी का चार भागों में विभाजित करने वाले इस प्रस्ताव को 21 नवंबर 2011 को विधानसभा ने पारित कर दिया और फिर इसे केंद्र सरकार को भेज दिया गया.
यूपी को चार हिस्सों में बांटने का प्रस्ताव
मायावती सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव के मुताबिक यूपी को चार राज्यों में विभाजित करने की बात कही गई थी, इनमें पूर्वांचल में 32, पश्चिम प्रदेश में 22, अवध प्रदेश में 14 और बुंदेलखण्ड में 7 जिले शामिल होने थे. उस समय केंद्र में यूपीए-2 की सरकार थी. केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर कई स्पष्टीकरण मांगे और प्रस्ताव को वापस भेज दिया. उस वक्त सपा और कांग्रेस समेत कुछ छोटे दलों ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी, वहीं संजीव बालियान की पार्टी बीजेपी भी इसके विरोध में दिखाई दी थी.
बसपा सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव के मुताबिक अगर यूपी को चार हिस्सों में विभाजित किया जाता तो पश्चिमी प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली समेत 22 जिलों को शामिल किए जाने का प्रावधान था, वहीं पूर्वांचल में वाराणसी, गोरखपुर, बलिया, देवरिया, आजमगढ़, बस्ती समेत 32 जिले, अवध प्रदेश में लखनऊ, देवीपाटन, कानपुर जैसे जिलों को शामिल किया जाता और बुंदेलखंड में तीन मंडल और 11 जिलों को मिलाकर राज्य बनाने का प्रस्ताव दिया गया था.