मथुरा जेल से रिहा होते ही डॉ. कफील खान बोले- STF का शुक्रिया, जिन्होंने एनकाउंटर नहीं किया
कफील खान ने एसटीएफ पर तंज कसते हुए कहा, ''एसटीएफ का भी धन्यवाद जिन्होंने मुंबई से मथुरा लाते समय एनकाउंटर नहीं किया.''
![मथुरा जेल से रिहा होते ही डॉ. कफील खान बोले- STF का शुक्रिया, जिन्होंने एनकाउंटर नहीं किया UP: Dr Kafeel Khan After Being Freed, Thank STF For Not Killing Me In Encounter मथुरा जेल से रिहा होते ही डॉ. कफील खान बोले- STF का शुक्रिया, जिन्होंने एनकाउंटर नहीं किया](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/09/02124032/kafeel-khan-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद डॉ. कफील खान को मंगलवार को आधी रात के करीब मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया. खान के वकील इरफान गाजी ने कहा कि मथुरा जेल प्रशासन ने हमें साढ़े 11 बजे सूचना दी कि डॉ. कफील खान को लगभग आधी रात को रिहा किया जा रहा है. जेल से रिहा होने के बाद डॉक्टर कफील ने हाई कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हुए सरकार से उन्हें दोबारा नौकरी देने की मांग की है जिससे वो संकट के इस दौर में लोगों की मदद कर सकें.
कफील खान ने जेल से छूटते ही एसटीएफ पर कसा तंज
मथुरा जेल से रिहा होते ही डॉ. कफील खान ने ज्यूडिशियरी का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, ''कोर्ट को धन्यवाद देना चाहते है, जिन्होंने इतना अच्छा फैसला सुनाया.'' कफील खान ने इस दौरान एसटीएफ पर तंज कसते हुए कहा, ''एसटीएफ का भी धन्यवाद जिन्होंने मुंबई से मथुरा लाते समय एनकाउंटर नहीं किया.'' उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने एक झूठा और बिना तथ्य के केस बनाया और मुझे सात महीने तक जेल में रखा. कफील खान ने बताया कि पांच दिन तक मुझे बिना खाना-पानी दिए हुए प्रताड़ित किया गया.
बता दें कि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉक्टर कफील को सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भड़काऊ बयान देने के मामले में एनएसए के तहत जेल भेजा गया था. कल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफील खान पर लगाए गए एनएसए को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है और उन्हें फ़ौरन जेल से रिहा किये जाने के आदेश दिया था.
अदालत ने मामले में की थी तल्ख़ टिप्पणी
अदालत ने इस मामले में तल्ख़ टिप्पणी करते हुए यूपी के सरकारी अमले के कामकाज और फैसले पर सवाल उठाए हैं. डा. कफील को मिली राहत की दो सबसे बड़ी वजह एनएसए के लिए पर्याप्त आधार का न होना और एनएसए लगने के बाद जेल में आरोपी को सभी दस्तावेज मुहैया न कराना रहा है.
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