गोरखपुर. उत्तर प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि लॉकडाउन में स्‍कूल न चलने के कारण बच्‍चों की फीस माफ करने की मांग अव्यावहारिक है. उन्‍होंने कहा कि ऐसा करने पर यूपी में चलने वाले 6 लाख से अधिक स्‍कूल बंद हो जाएंगे. अगस्‍त में क्‍लास चलने का आदेश सरकार ने दे दिया, तो ऐसी दशा में स्थिति को नियंत्रित नहीं किया जाएगा. उन्‍होंने कहा कि स्‍कूलों को पहले से ही निर्देश दिए गए हैं, कि जो लोग फीस जमा करने में अक्षम हैं, उन अभिभावकों पर दबाव नहीं बनाया जाए. ऐसा करने पर स्‍कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी.


... तो बंद हो जाएंगे सारे निजी स्कूल
द्विवेदी ने कहा कि यूपी में 1 लाख 69 हजार स्‍कूल हैं, जबकि 6 लाख से अधिक निजी स्‍कूल हैं. अगर बच्चों की फीस माफ की गई तो सारे निजी स्‍कूल बंद हो जाएंगे. निजी स्‍कूल बंद हो जाएंगे, तो केन्‍द्र सरकार की कोई गाइडलाइन आएगी कि अगस्‍त से पढ़ाई शुरू हो जाए, तो कोई व्‍यवस्‍था अचानक से शुरू नहीं हो सकती है. इस तरह की बातें बहुत व्‍यवहारिक नहीं है.


'असमर्थ अभिभावकों पर दबाव ना बनाएं स्कूल'
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि कई लोग ऐसे भी हैं, जो डाक्‍टर, इंजीनियर और सरकारी नौकरी में हैं. समय से वेतन मिलने के बाद भी चाहते हैं कि फीस माफ कर दिया जाए. इस तरह की मांग उचित नहीं है. लॉकडाउन के समय ही यूपी सरकार ने कहा था कि बसें नहीं चल रही हैं, तो स्‍कूल परिवहन शुल्‍क नहीं लेंगे. हमनें तीन महीने की एक साथ फीस लेने पर रोक लगाई. असमर्थ अभिभावकों पर जबरन दबाव स्‍कूल नहीं बनाएंगे. इस तरह की शिकायत मिलने पर कार्रवाई होगी.


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