UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है. प्रदेश में सात चरणों में चुनाव (Election) होगा. पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा. वही 80 वर्ष से ज्यादा की उम्र के बुजुर्ग और कोविड मरीज (Covid Patient0 जो पोलिंग बूथ तक जाकर वोटिंग करने में समर्थ नहीं हैं उनके लिए चुनाव आयोग ने इसबार खास इंतजाम किए हैं. दरअसल ऐसे लोग पोस्टल बैलेट (Postal Ballot) का इस्तेमाल कर अपना मत अपने पसंदीदा उम्मीदवार को दे सकते हैं.
80 वर्ष से ज्यादा की उम्र के और कोविड मरीजों के लिए होगी पोस्टल बैलेट सुविधा
बता दें कि भारत के चुनाव आयोग (ECI) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु के कुल 24.42 लाख रजिस्टर्ड मतदाता हैं. इसलिए, अक्टूबर 2019 में ऐसे मतदाताओं की सुविधा के लिए, कानून और न्याय मंत्रालय ने चुनाव नियमों के संचालन में एक संशोधन किया और 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और अनुपस्थित मतदाताओं के तहत शारीरिक रूप से अक्षम लोगों को शामिल किया.
वहीं, जून 2020 में, एक अन्य संशोधन के तहत अनुपस्थित मतदाताओं में कोरोना पॉजिटिव मरीजों को भी शामिल किया गया है. ऐसे में यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे अपना वोट गुप्त रूप से डालने में सक्षम हैं, उनके घरों पर पोस्टल बैलेट बॉक्स उपलब्ध कराया जाएगा.
ऐसे उठा सकेंगे पोस्टल बैलेट सुविधा का लाभ
वहीं ईसीआई के अधिकारियों ने कहा, “अनुपस्थिति श्रेणी के तहत, 80 वर्ष से अधिक आयु के लोग, कोरोना पॉजिटिव रोगी, शारीरिक रूप से अक्षम और आवश्यक सेवा प्रदाता (जैसे रेलवे, डाक सेवा आदि) ईसीआई की वेबसाइट से 12 डी फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं या बूथ स्तरीय अधिकारी (बीएलओ) से उसी की एक कॉपी ले सकते हैं. इसे सही ढंग से भरने के बाद, मतदान की अधिसूचना के पांच दिनों के भीतर बीएलओ के पास 12डी फॉर्म जमा किया जाना चाहिए. इसके साथ कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अपनी कोविड स्थिति बताते हुए एक मेडिकल रिपोर्ट अटैच करनी होगी, जबकि शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति सरकार द्वारा जारी विकलांग प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं.
घर पर ही उपलब्ध कराया जाएगा पोस्टल बैलेट बॉक्स
एक बार फॉर्म जमा करने के बाद, इसकी जांच की जाएगी और ऐसे मतदाताओं की लिस्ट राजनीतिक दलों के साथ शेयर की जाएगी जो मतदान के दिन मतदाता के घर जा सकते हैं. बैलेट पेपर के साथ एक पोस्टल बैलेट बॉक्स उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें वे गोपनीय तरीके से वोट डाल सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि यह प्रक्रिया वास्तविक मतदान से 24 घंटे पहले एक असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (एसडीएम) की देखरेख में आयोजित की जाएगी.
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