UP Election : ''कुंडा का गुंडा'' नाम से जाने जाने वाले बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ राजा भैया को उनके पुराने समय के सहयोगी समाजवादी पार्टी (SP) के गुलशन यादव मौजूदा विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में कुंडा (Kunda) में कड़ी चुनौती दे रहे हैं. समाजवादी पार्टी, जिसने पिछले 15 वर्षों में इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था, ने इस बार अपने उम्मीदवार को राजा भैया के लिए विधानसभा चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में उतारा है.


सपा के साथ था पुराना नाता
प्रतापगढ़ के कुंडा और अन्य विधानसभा क्षेत्रों में 27 फरवरी को पांचवें चरण में मतदान होना है. 1993 के बाद से छह बार विधायक रहे राजा भैया, जो हमेशा विवादों में रहते हैं. वह सुर्खियों में तब आए थे जब 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने उन्हें गिरफ्तार करवा कर उनके खिलाफ आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) भी लगाया था. वर्ष 2003 में मुलायम सिंह यादव की सरकार बनने के तुरंत बाद उनके खिलाफ पोटा सहित सभी आरोप हटा दिए गए और उनका राजनीतिक कद रातों रात बढ़ गया. इसके बाद से उनका सपा के साथ संबंध बना रहा और पार्टी ने उनके खिलाफ 2007, 2012 और 2017 के तीन चुनावों में उम्मीदवार नहीं उतारा.


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राजा भैया को कल्याण सिंह ने कहा था ''कुंडा का गुंडा''
इस बार समाजवादी पार्टी ने पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव को मैदान में उतारा और वह एक आक्रामक अभियान के साथ मैदान में हैं. लोगों का मानना है कि मौजूदा विधायक द्वारा लड़े गए किसी भी पिछले चुनाव में ऐसा मुकाबला नहीं देखा गया था. राजा भैया ने पिछले छह कार्यकालों - 1993, 1996, 2002, 2007, 2012 और 2017 के लिए एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सभी लहरों और चुनौतियों का सामना करते हुए जीत हासिल की थी. पिछले चुनाव में उनकी जीत का अंतर करीब 1.04 लाख वोटों का था. पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने राजा भैया को ''कुंडा का गुंडा'' कहा था और यह खिताब राजनीतिक हलकों में तबसे बना हुआ है.


राजा भैया पर लगें हैं कई आरोप
कहा जाता है कि वह कुंडा में अपने परिवार के तालाब में अपने दुश्मनों को मगरमच्छों को खिलाते थे, लेकिन राजा भैया इससे इनकार करते हैं. सपा प्रत्याशी गुलशन यादव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''यह पहली बार है जब राजा भैया और उनके समर्थक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव लड़ रहे हैं, पहले वह अपने समर्थकों की बैठक बुलाते थे और चुनाव के दौरान ड्यूटी सौंपते थे. उन्होंने यहां कोई विकास नहीं किया है, अगर कोई विकास हुआ तो वह केवल एक जाति के लिए था. यादव के मुताबिक उन्हें पहले समाजवादी पार्टी या किसी अन्य पार्टी का वोट मिलता था, जो आसान जीत सुनिश्चित करता था, लेकिन इस बार चीजें अलग हैं.''


मुलायम सिंह यादव से मिलें थें राजा भैया
53 वर्षीय राजा भैया ने हाल ही में लखनऊ में मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की थी और संकेत दिया था कि उन्हें एक बार फिर उनका और उनकी पार्टी का समर्थन मिलेगा. लेकिन मुलायम का आशीर्वाद लेने के कुछ दिनों के भीतर ही अखिलेश यादव ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया था. राजा भैया के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने मीडियाकर्मियों से पूछा था, राजा भैया कौन हैं?'' लगभग 3.5 लाख मतदाताओं वाले इस निर्वाचन क्षेत्र में अन्य जातियों के अलावा यादव (80,000), पटेल (50,000), पासी (50,000), ब्राह्मण और मुस्लिम (दोनों लगभग 45,000 प्रत्येक) की बड़ी संख्या है और ठाकुर लगभग 15,000 हैं. राजा भैया ठाकुर हैं.


राजा भैया ने बनाई है जनसत्ता दल पार्टी
राजा भैया, जिन्होंने अपनी पार्टी जनसत्ता दल का गठन किया और 19 अन्य सीटों पर भी उम्मीदवार खड़े किए हैं. वह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं. राजा भैया ने कहा, ''यह पहली बार नहीं है जब सभी दलों ने मेरे खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए हैं, 1993 में सपा-बसपा दोनों ने मिलकर संयुक्त उम्मीदवार दिए थे, बीजेपी, जनता दल ने भी इस सीट पर चुनाव लड़ा था.'' मौली गांव के एक बुजुर्ग अबरार अहमद, को लगता है कि राजा भैया के खेमे में कुछ गतिविधि है क्योंकि इस बार उनका समर्थन करने वाले सपा का कैडर वोट इस बार स्थानांतरित हो रहा है. भगवंत चौराहे पर अपनी कपड़ा दुकान में बैठे राजेश कुमार त्रिपाठी और उनके दोस्तों, स्वघोषित बीजेपी समर्थकों का कहना है कि उन्हें मौजूदा विधायक पर पूरा भरोसा है और उनके द्वारा किए गए कई कार्यों का हवाला देते हैं.


27 फरवरी को होना है मतदान
राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया, ''यह कहना गलत है कि वह केवल अपने जाति के लोगों के लिए काम कर रहा है. हाल ही में एक मुस्लिम युवक को उसके ही समर्थकों ने पीटा था और राजा ने खुद निर्देश दिया था कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए. वह एक अभिभावक की तरह है और सबकी अच्छी देखभाल करते है. पास बैठे मुन्ना शुक्ला ने कहा कि उनके लिए पहली पसंद राजा भैया हैं, अगर वह नहीं होते तो हम बीजेपी का समर्थन करते. कुंडा में बीजेपी के टिकट पर सिंधुजा मिश्रा और बसपा ने जिला पंचायत के एक सदस्य मोहम्मद फहीम को मैदान में उतारा है और कांग्रेस ने योगेश कुमार को टिकट दिया है. प्रतापगढ़ के कुंडा और अन्य विधानसभा क्षेत्रों में 27 फरवरी को पांचवें चरण में मतदान होना है.


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