Asaduddin Owaisi Kanpur Visit: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के दौरे पर हैं. एआईएमआईएम (AIMIM) प्रदेश के आगामी विधानसभा (Assembly Election) चुनाव को लेकर सियासी जमीन मजबूत करने के लिए लगातार सभाएं कर रही है. लखनऊ (Lucknow) और प्रयागराज (Prayagraj) के बाद एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी 26 सितंबर को कानपुर पहुंच रहे हैं. कानपुर (Kanpur) के जाजमऊ इलाके में स्थित अकील कंपाउंड में दोपहर 12 बजे असदुद्दीन ओवैसी शोषित और वंचितों की आवाज उठाते दिखाई पड़ेंगे. यहां पर 500 लोगों को एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं ने ओवैसी की सभा के लिए न्योता दिया है. एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं की मानें तो शोषितों और वंचितों के हितों के लिए ओवैसी लगातार यूपी का दौरा कर रहे हैं, और कानपुर में भी वो वंचितों की आवाज को बुलंद करने पहुंच रहे हैं. हालांकि, ओवैसी की इस सभा में शहर के कुछ बुद्धिजीवियों को भी न्योता भेजा गया है.  


लगाए गए वेलकम बॉस के होर्डिंग और बैनर 
एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं की मानें तो 2017 विधानसभा चुनाव से पहले भी कानपुर के जीआईसी मैदान में ओवैसी की सभा हुई थी. जिसमें बड़ी संख्या में शोषित, वंचित और मुस्लिम समुदाय के लोग ओवैसी का उत्साहवर्धन करने के लिए पहुंचे थे. लेकिन, इस बार कोविड काल के चलते महज 500 लोगों को बुलाया जा रहा है. ओवैसी के इस्तकबाल के लिए ग्राउंड और आसपास के इलाकों में वेलकम बॉस के होर्डिंग और बैनर लगाए गए हैं.  


इरफान सोलंकी ने ली चुटकी 
कार्यकर्ताओं का कहना है कि एआईएमआईएम ये मानती है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में पार्टी का अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा था. महानगर की सीसामऊ विधानसभा से पार्टी ने उम्मीदवार मैदान में जरूर उतारा था लेकिन जनता का भरोसा पार्टी के उम्मीदवार को नहीं मिल पाया था और उसे हार का सामना करना पड़ा था. हालांकि, सीसामऊ विधानसभा के विधायक इरफान सोलंकी भी ओवैसी के कानपुर दौरे पर चुटकी लेते दिखते हैं. इरफान का कहना है कि ओवैसी काफी दूर से उत्तर प्रदेश और कानपुर आ रहे हैं. वो मेहमान हैं और उनकी मेहमान नवाजी होनी चाहिए.  


मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर है नजर 
दरअसल, शहर की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर एआईएमआईएम ने इस बार पैनी निगाह लगा रखी है. शायद इसीलिए मुस्लिम बाहुल्य जाजमऊ इलाके में सभा करके ओवैसी मुस्लिम सीटों में एक संदेश देना चाहते हैं कि उनकी पार्टी यूपी में मुस्लिमों की सियासत में उभरती हुई आवाज है. अगर मुस्लिमों का भरोसा पार्टी पर कायम होता है तो एआईएमआईएम सियासी उलटफेर का दम रखती है.  



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