UP Assembly Election 2022: संविधान दिवस के मौके पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Part) के प्रमुख और उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने दावा किया कि अंबेडकरवादी और समाजवादी मिलकर 2022 में बीजेपी का सफाया कर देंगे. सपा प्रमुख यादव ने शुक्रवार को कांशीराम स्मृति उपवन सांस्कृतिक स्थल में संविधान बचाओ महाआंदोलन राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित 'भारतीय संविधान दिवस समारोह व संविधान बचाओ विराट महापंचायत' को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जमकर निशाना साधा और कहा कि 'लोकतंत्र में जो जनता को दुख देता है, समय आने पर जनता उनसे हिसाब किताब करती है. इसलिए जनता ने फैसला किया है कि इस बार बीजेपी का सफाया होगा. इस बार अंबेडकरवादी और समाजवादी मिलकर इन्हें हटा देंगे.'
अखिलेश यादव ने कहा, ''यह कोई नया नहीं है, बाबा साहेब के साथ डॉ. राममनोहर लोहिया मिलकर काम करना चाहते थे. फिर से हम लोगों ने कोशिश की पर वह सपना पूरा नहीं हुआ. लेकिन हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है और 2022 में यह सपना जरूर पूरा होगा.'' उल्लेखनीय है कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती से गठबंधन किया था. लेकिन सपा प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में महज पांच सीटों पर सिमट गई जबकि बसपा को दस सीटों पर जीत मिली थी.
इस कार्यक्रम में अखिलेश यादव के अलावा बाबा साहेब अंबेडकर के पौत्र व पूर्व सांसद प्रकाश आंबेडकर, भीमराव यशवंत राव अंबेडकर, बसपा संस्थापक कांशीराम की बहन स्वर्ण कौर, सपा गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, गठबंधन की एक अन्य साझेदार अपना दल (कमेरावादी) की प्रमुख नेता पल्लवी पटेल, पूर्व आयकर आयुक्त सुवचन राम समेत कई प्रमुख लोग शामिल हुए.
अखिलेश यादव ने सावित्री बाई फुले के प्रति आभार प्रकट किया
अपने संबोधन की शुरुआत में यादव ने इस आयोजन के लिए पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि 'हम समाजवादी लोग आपके संकल्प के साथ खड़े हैं और संविधान बचाने के लिए हम आपके साथ हैं.' यादव ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ''जो लोग यहां से निकले, यहीं से दिल्ली का रास्ता बनाया, उनके लिए मैंने कहा था यहीं से बीजेपी का दरवाजा खुला और इस बार उत्तर प्रदेश की जनता ने तय किया है कि इस बार दरवाजा बंद होगा और वह सत्ता से बेदखल होंगे.'' उन्होंने नोट बंदी और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के प्रधानमंत्री के फैसलों की चर्चा करते हुए उन पर तंज कसा. सपा प्रमुख ने पंचायत चुनाव में बेईमानी का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भी जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि अगर कोई अपना अधिकार मांगेंगा तो पुलिस लाठियों से पीटेगी और बाल पकड़कर खींचेगी.
प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि ''समाज की राजनीति में अगर हम लोग फंस गये तो इंसानियत की राजनीति को भूल जाएंगे. इंसानियत की राजनीति को लेकर चलेंगे तब ही इस देश को इकट्ठा रख पाएंगे. इस देश की भाषा इंसानियत की होनी चाहिए.' प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि 'आज जो संविधान दिवस मनाया जा रहा है वह आरएसएस के लोग और बीजेपी नहीं मना रही है, हम लोगों को गुमराह करने के लिए सरकार मना रही है.' उन्होंने बीजेपी पर सीबीआई और ईडी के सहारे दूसरे राजनीतिक दलों पर दबाव डालने और उसे समाप्त करने की साजिश का भी आरोप लगाया.
संविधान को बचाने के लिए मैंने बीजेपी और सांसद का पद छोड़ा- सावित्री बाई फुले
महापंचायत की आयोजक और पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि 'बहुजन समाज को जगाने, संविधान को बचाने के लिए मैंने बीजेपी और सांसद का पद छोड़ा है. बीजेपी को अगर 2022 में सत्ता से बाहर नहीं किया तो 2024 के बाद हम लोग संविधान और बहुजन की आजादी को नहीं बचा सकते हैं.' उन्होंने कहा 'मैं संविधान और बहुजन की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी देने को तैयार हूं और इसके लिए अपने दुश्मन से कभी समझौता नहीं करुंगी. बाबा साहब का संविधान को जब तक संपूर्ण रूप से लागू नहीं होगा तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.'
गौरतलब है कि साल 2014 में सावित्री बाई फुले ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर बहराइच लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता और 2019 में आरक्षण और संविधान के मुद़दे पर उन्होंने बीजेपी के खिलाफ विद्रोही रुख अपनाते हुए इस्तीफा दे दिया. इसके बाद वह मार्च 2019 में कांग्रेस में शामिल हुईं. लेकिन दिसंबर 2019 में कांग्रेस से भी इस्तीफा दे दिया.
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