UP Assembly Election 2022: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने चुनाव आयोग (Election Commission) पर मतदाता सूची में जोड़े और काटे गये नामों की जानकारी राजनीतिक दलों को नहीं देने का आरोप लगाया. उन्होंने जरूरत पड़ने पर आयोग के खिलाफ धरना देने की चेतावनी दी है.
अखिलेश यादव ने लखनऊ में कहा कि अब तक चुनाव आयोग मतदाता सूची में नाम जोड़ने और काटने के बाद सूची जारी करता था ''मगर इस बार चुनाव आयोग पता नहीं क्यों, किसके दबाव में वह इस सूची को जारी नहीं कर रहा है. अगर हम एक राजनीतिक दल के रूप में आपत्ति करना चाहें, नाम जुड़वाना चाहें तो हमारे पास कोई जानकारी नहीं है. इसलिये हमने शिकायत की है और अगर जरूरत पड़ी तो समाजवादी पार्टी चुनाव आयोग के खिलाफ भी धरना देगी.''
सपा प्रमुख ने कहा कि इस बार नयी मतदाता सूची में 21 लाख 56 हजार 262 नाम जोड़े गये हैं और 16 लाख 42 हजार 756 नाम काटे गये हैं. उन्होंने कहा कि अब तक यही होता रहा है कि नाम काटे और जोड़े जाने के बाद वह सूची सभी राजनीतिक दलों को जारी होती थी. यादव ने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव तक मतदाता सूची में जोड़े और काटे गये नाम की सूची राजनीतिक दलों को दी गयी थी लेकिन इस बार क्यों नहीं दी जा रही है.
चुनाव आयोग में दिल्ली में जितने भी अधिकारी हैं वे सब उत्तर प्रदेश के हैं- अखिलेश
पूर्व मुख्यमंत्री ने एक सवाल पर कहा, ''सुनने में यह आ रहा है कि चुनाव आयोग में दिल्ली में जितने भी अधिकारी हैं वे सब उत्तर प्रदेश के हैं और उत्तर प्रदेश में ही चुनाव है. हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग निष्पक्ष काम करेगा. अगर 2019 तक राजनीतिक पार्टियों को सूची दी जाती थी तो इस बार क्यों नहीं दी जा रही है. यह बड़ा सवाल है, क्योंकि वह जानते हैं कि जनता तैयार है, इनको हटाने के लिये.'' उन्होंने कहा, ''बिहार का चुनाव सबने देखा, कितने करीब से निकल गया. भाजपा हार गयी थी. हमारे प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के अन्य जिम्मेदार लोग आयोग गये थे और ज्ञापन दिया था. दिल्ली में भी हम ज्ञापन भेजवाएंगे. उसके बाद इंतजार करेंगे, नहीं तो धरने पर बैठ जाएंगे.''
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