UP Election 2022: उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले संघ ने मुस्लिम महिलाओं से संपर्क के लिए चलाया अभियान
उत्तर प्रदेश महिला वोटर की उपयोगिता को देखते हुए, सभी राजनीतिक पार्टियां महिला वोटरों को लुभाने में लगी हैं. उत्तर प्रदेश में लगभग 15 करोड़ वोटर्स में सात करोड़ वोट महिलाओं के हैं.
UP Election 2022: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले मुस्लिम महिलाओं तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है. इस कदम के तहत आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने बुधवार को संघ से संबद्ध मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की महिला इकाई की नयी दिल्ली में एक दिवसीय बैठक की अध्यक्षता की.
इस बैठक में मुस्लिम महिलाओं की सशक्तिकरण और कल्याण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आत्मकथा ‘‘दास्तान ए योगी’का विमोचन भी किया गया. इस किताब का विमोचन इन्द्रेश कुमार ने किया है जो वर्ष 2017 में प्रकाशित और शांतनु गुप्ता द्वारा लिखी ‘‘द मोन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ का उर्दू संस्करण है.
संघ नेता ने बताया कि बैठक के दौरान मुस्लिम महिलाओं ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच, अदालत और मोदी सरकार को ‘‘तीन तलाक के दर्द से मुक्ति’’ दिलाने के लिए धन्यवाद दिया. बाद में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक और संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार ने ‘‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत करते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाएं सोशल मीडिया के जरिये और अन्य बैठकों के जरिये संदेश देगी जो लोगों को संघ और भाजपा की सही तस्वीर दिखाने की कोशिश का हिस्सा है.
हम आपको बता दें, अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के सभी राजनीतिक पार्टियाँ महिला वोटरों को लुभाने में लगी है. उत्तर प्रदेश में लगभग 15 करोड़ वोटर हैं, जिनमें लगभग सात करोड़ वोटर महिला हैं. जो प्रदेश के राजनीति की दशा और दिशा तय करते हैं. 2017 के विधान सभा चुनावों में प्रदेश की महिलों का वोट फ़ीसदी पुरुषों से अधिक था. पिछले विधान सभा चुनावों में जहाँ 63 फ़ीसदी महिलाओं ने वोट किया तो वहीं पुरुषों का वोट फ़ीसदी 60 था. वहीं 2002 में कुल पड़े वोटों का 50 फ़ीसदी से अधिक वोट महिलों के पड़े, 2012 के विधान सभा चुनावों में कुल पड़े वोटों का 60 फ़ीसदी से अधिक महिलाओं का था.
पिछले कई चुनावों से प्रदेश के महिलाओं के हितों की बात करने वाली पार्टियाँ ही सत्ता में आयीं. 2012 में सपा ने लड़कियों को मुफ्त शिक्षा और महिलाओं को दो साड़ी बांटने जैसे कई वादे किये थे, उस समय पड़े कुल वोटों में से आधे से अधिक अधिक महिलों के था. जिसके बाद सपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयी.
जबकि 2017 में बीजेपी ने ग्रेजुएशन तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा देने का वादे के साथ ही इसमें ट्रिपल तलाक को भी खत्म करने की बात कही. इसके अलावा हर घर में शौचालय और गैस कनेक्शन देने का वादा किया, जिसमें वह काफी हद तक सफल रही. वह तीन सौ से अधिक सीटें जीत कर सत्ता में आयी और महिलाओं का चार फ़ीसदी तक बढ़ा.
वहीं अगले विधान सभा चुनावों में कांग्रेस ने प्रदेश में 40 प्रतिशत सीटों को महिलों के लिए आरक्षित करने का वादा किया है. पार्टी प्रियंका गाँधी को आगे रख कर महिला वोटरों को साधने की कोशिस में लगी है.
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