UP Assembly Election 2022: चुनावी मौसम में सभी राजनीतिक दल तमाम दावे करते हैं. अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने तो ये तक कह दिया कि 403 में 400 सीट जीतेंगे. तो भाजपा (BJP) ने इस बार 350 से अधिक सीट का लक्ष्य रखा है. लेकिन अन्य दलों के मुकाबले अगर बात बीजेपी की करें तो फर्क ये है कि उसने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी स्ट्रेटेजी बना ली है. और इस पर चलते हुए पार्टी के विशेष सदस्यता अभियान की शुरुआत 29 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) लखनऊ से करेंगे. आइए अब आपको बताते हैं क्या है भाजपा की स्ट्रेटेजी.


केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 29 अक्टूबर को लखनऊ रहेंगे. यहां वो पार्टी के विशेष सदस्यता अभियान को शुरू करेंगे. इसके साथ ही अमित शाह आगामी चुनाव को लेकर बैठक भी करेंगे. बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल रहेंगे. भाजपा का लक्ष्य चुनाव से पहले कम से कम 4 करोड़ सदस्य पूरे करने का है. फिलहाल पार्टी के प्रदेश में 2 करोड़ 30 लाख सदस्य हैं. यानी लक्ष्य हासिल करने के लिए 1 करोड़ 70 लाख सदस्य और बनाने होंगे. अब सवाल ये कि इतने सदस्य बनेंगे कैसे? तो इसे लेकर भाजपा ने पूरा ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है. 


आगामी चुनाव में प्रदेश में 1 लाख 74 हज़ार बूथ बनाये जाने का अनुमान है. भाजपा की योजना प्रत्येक बूथ पर 100-100 नए सदस्य बनाने की है. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 5 से 10 हज़ार सदस्य बनने का लक्ष्य है. विधायकों को सदस्यता के लिए शिविर लगाने होंगे. पार्टी को लगता है कि अगर ऐसा हुआ तो चुनाव में 50 फीसदी तक वोट मिलने की राह सरल हो जाएगी. डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि वो उस समय सदस्यता अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी थे ज़ब अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. तब चले सदस्यता अभियान में यूपी ने लीड ली थी. सबसे अधिक सदस्यता रही थी यूपी में. डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि भाजपा के प्रति आकर्षण है जो दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार जब अभियान शुरू होगा तो रिकॉर्ड टूटेगा.


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जिन बूथ पर भाजपा कमजोर है उन पर अधिक फोकस होगा


अगर 2017 चुनाव की बात करें तो भाजपा गठबंधन को 3 करोड़, 44 लाख, 3039 वोट मिले थे. ये कुल वोट का 39.7 फीसदी था. इस तरह सिर्फ भाजपा को 312 सीट मिली और बहुमत में आई थी. अगर पार्टी 4 करोड़ सदस्य का लक्ष्य पूरा करती है तो ये संख्या 2017 में पार्टी को मिले कुल वोट से करीब 56 लाख अधिक होगी. पार्टी जो सदस्यता अभियान चलाएगी उसमे सरकारी योजनाओं के लाभार्थी, फस्ट टाइम वोटर, प्रबुद्ध वर्ग, अल्पसंख्यको, महिलाओं समेत सभी पर फोकस होगा. जिन बूथ पर भाजपा कमजोर है उन पर अधिक फोकस होगा. यहां अधिक सदस्य बनाये जाएंगे.


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