UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों (Assembly Election) के लिए बीजेपी (BJP0 ने सोमवार को हाई लेवल मीटिंग में बचे हुए उम्मीदवारों को फाइनल कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक इस बार लगभग 80 मौजूदा विधायकों (Sitting MLAs) को बाहर किए जाने की संभावना है और कुल मिलाकर लगभग एक दर्जन सीटों में बदलाव किया गया है.
बता दें कि पार्टी की कोर कमेटी की बैठक बीजेपी मुख्यालय (BJP Headquarter) में हुई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) शामिल हुए. उम्मीदवारों की लिस्ट को अंतिम रूप देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक मंगलवार को होगी.
बीजेपी के 380 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद
गौरतलब है कि बीजेपी के राज्य की कुल 403 सीटों में से लगभग 380 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है, शेष सीटें भाजपा अपने सहयोगी अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के लिए छोड़ेगी. सोमवार को, अंतिम तीन चरणों के लिए उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया गया, जिसमें 172 सीटें शामिल हैं, बता दें कि पार्टी पहले ही 197 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर चुकी है.
मौजूदा विधायकों को ड्रॉप करने की ये है वजह
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी नेताओं ने कहा है कि मौजूदा विधायकों को ड्रॉप करने का एकमात्र क्राइटेरिया "जीतने की क्षमता" है, जबकि पिछली बार पार्टी के 312 जीतने वाले उम्मीदवारों में से बड़ी संख्या में नए चेहरे थे. “निर्वाचन क्षेत्र से फीडबैक, निर्वाचन क्षेत्र और संगठन में विधायकों के प्रदर्शन और उनकी जनता के बीच विश्वसनीयता को अंतिम निर्णय लेने के लिए क्राइटेरिया में शामिल किया गया था.” सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेतृत्व ज्यादातर मौजूदा विधायकों को ड्राप करने का इच्छुक था, लेकिन हाल ही में तीन मंत्रियों और लगभग एक दर्जन विधायकों के बाहर होने के बाद, सावधानी के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया गया.
अपना दल (एस) मांग रहा ज्यादा सीटें
गौरतलब है कि अपना दल (एस) 2017 में लड़ी गई 11 सीटों और निषाद पार्टी की 15 सीटों से दोगुनी से अधिक की मांग कर रहा है. हालांकि, भाजपा ने कथित तौर पर अपना दल के लिए 2017 से दो-तीन अतिरिक्त सीटों से अधिक नहीं देने का फैसला किया है, जिसने उस समय नौ सीटें जीती थी. 2016 में बनी निषाद पार्टी ने पिछली बार 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था और भदोही के ज्ञानपुर में केवल एक पर जीत हासिल की थी. वहीं बीजेपी ने पिछली बार 384 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उस दौरान अपना दल (एस) के अलावा भाजपा ने SBSP (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के साथ गठबंधन किया था. SBSP ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था और चार पर जीत हासिल की थी.
गौरतलब है कि बीजेपी पूर्वी यूपी को लेकर सबसे ज्यादा आशंकित है, दरअसल यहां के कुछ प्रमुख ओबीसी चेहरों, जिनमें मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान शामिल हैं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. ऐसे में बीजेपी को इन क्षेत्रों में खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
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