UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में चुनाव का बिगुल बज चुका है. इसी के साथ तमाम पार्टियों द्वारा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा भी की जा रही है. पार्टियों द्वारा घोषित उम्मीदवारों में कई का आपराधिक इतिहास भी है. वहीं चुनाव आयोग के निर्देश पर अब बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने अपने-अपने दागी उम्मीदवारों का ब्यौरा जारी किया है. बता दें कि बीजेपी और समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को अपने उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सूची जारी कर दी. समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने 20 उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों को सूचीबद्ध किया है, वहीं भाजपा ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित अपने 37 उम्मीदवारों के आपराधिक मामलों को सूचीबद्ध किया है, जिसमें उनके खिलाफ चार आपराधिक मामले लंबित हैं. गौरतलब है कि बीजेपी ने अब तक अपने 109 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं.


चुनाव आयोग के निर्देश पर दागी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की गई है


वहीं भारत के चुनाव आयोग के नए निर्देश के मुताबिक, राजनीतिक दलों को सार्वजनिक रूप से यह घोषित करना होगा कि उन्होंने आपराधिक मामलों वाले कितने लोगों को टिकट दिया है और किन कारणों से बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में नहीं चुना जा सकता है.


बीजेपी ने 37 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामलों की डिटेल शेयर की है


बता दें कि बीजेपी की यूपी इकाई ने अपने 37 उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामलों की डिटेल अपनी वेबसाइट पर शेयर की है. वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, जिन्हें सिराथू सीट से मैदान में उतारा गया है, उनके बारे में पार्टी ने कहा है कि, "वह न केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र में बल्कि राज्य भर में बेहद लोकप्रिय हैं." पार्टी ने कहा कि उनका नाम स्थानीय जिला इकाई द्वारा योग्यता, उनके सामाजिक कार्य, गरीबों के उत्थान के क्षेत्र में किए गए कार्यों के आधार पर आगे बढ़ाया गया था. इसके साथ ही भाजपा के "चुनाव आयोग संपर्क विभाग" ने ये भी कहा कि बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उनके स्थान पर इसलिए नहीं चुना जा सकता है, क्योंकि मौर्य डिप्टी सीएम और मौजूदा विधायक हैं, और उन्हें "राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता" के कारण मामलों में फंसाया गया है.


इसी तरह थाना भवन से भाजपा उम्मीदवार सुरेश राणा के बारे में पार्टी ने कहा कि वह वर्तमान सरकार में मंत्री हैं और किसानों के गन्ना बकाया जारी करने में “उत्कृष्ट कार्य” के कारण वे लोकप्रिय हैं. इसी तरह, सरधना से उम्मीदवार संगीत सोम के लिए, भाजपा ने कहा कि उन्हें राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण झूठे मामलों में फंसाया गया है.


समाजवादी पार्टी ने 20 उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का ब्यौरा दिया है


दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर 20 उम्मीदवारों को उनके आपराधिक मामलों की डिटेल्स और उन्हें चुनने के कारण के साथ सूचीबद्ध करते हुए एक डॉक्यूमेंट अपलोड किया है. कई मामलों में, पार्टी ने कहा कि चयनित उम्मीदवार लोक कल्याण और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम करते हैं, जिससे उनके क्षेत्र में वे  "बेहद लोकप्रियता" हैं. पार्टी ने यह भी कहा कि उम्मीदवारों ने कोविड महामारी के दौरान लोगों की मदद की. कुछ मामलों में, कुछ उम्मीदवारों के परिवारों की राजनीतिक पृष्ठभूमि का जिक्र किया गया है.


सीएम योगी ने सपा-कांग्रेस पर दंगाइयों को टिकट देने का लगाया आरोप


इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी सपा, बसपा और कांग्रेस पर "गुंडों, अपराधियों और दंगाइयों" को टिकट देने का आरोप लगाया. एक बयान में, सीएम ने कहा कि इन राजनीतिक दलों ने ऐसे उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर 2017 से पहले राज्य में अपराध और दंगों के माहौल की यादों को ताजा कर दिया है. विशेष रूप से समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह "आतंकवादियों और दंगाइयों से सहानुभूति रखने वालों" की पार्टी है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपराधियों, दंगाइयों और आतंकवादियों को समर्थन देने का कोई मौका नहीं छोड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले इमरान मसूद को उनकी पार्टी ने सुरक्षा दी है. पार्टी ने उन लोगों को टिकट दिया है जो जेल में हैं या जमानत पर बाहर हैं. 


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