UP Election 2022: शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ कांग्रेस ने नहीं उतरा कोई उम्मीदवार, जिलाध्यक्ष ने कही ये बात
UP Elections: समाजवादी पार्टी का मजबूत किला कहलाये जाने वाले इटावा जनपद में कांग्रेस के द्वारा इस बार कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. इसको लेकर अब जिलाध्यक्ष ने सवाल उठाए हैं.
UP Assembly Election 2022: समाजवादी पार्टी का मजबूत किला कहलाये जाने वाले इटावा जनपद में तीन विधानसभा सीटों में कांग्रेस ने 2 प्रत्याशियों का नामांकन करवा दिया है. वहीं, सैफ़ई परिवार की मजबूत सीट जसवंतनगर में कांग्रेस के द्वारा इस बार कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. कांग्रेस ज़िलाध्यक्ष मलखान सिंह ने एबीपी गंगा से बात करते हुए कहा कि पार्टी के इस निर्णय से कार्यकर्ताओं में नाराजगी और मायूसी है. हम चुनाव के लिए तैयार थे लेकिन पार्टी आलाकमान का जो फैसला है उसको हम मानते हैं.
ये पूछे जाने पर कि क्या शिवपाल यादव के लिए जसवंतनगर में करेंगे वोट इस पर उन्होंने कहा कि जो भी आदेश होगा उसको हम मानेंगे. वहीं कांग्रेस के जिला पार्टी के कुछ लोग जसवंतनगर से शिवपाल सिंह के विरुद्ध कांग्रेस का प्रत्याशी न उतारे जाने को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन को वजह मान रहे हैं. उन्होंने कहा, 'सब जानते हैं कि शिवपाल सिंह और कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन के बीच काफी नजदीकियां हैं और यही वजह है कि आचार्य प्रमोद कृष्णन के कहने पर ही पार्टी आलाकमान ने शिवपाल के विरुद्द जसवंतनगर ने प्रत्याशी नहीं उतारा.'
जानें- पूरा समीकरण
इटावा के जसवंतनगर विधानसभा सीट जो कि समाजवादी पार्टी का मजबूत किला कही जाती है और जिसकी वजह है यहां का कोर यादव वोटर जिसकी संख्या एक लाख 40 हज़ार के करीब है. यही वजह है कि जसवंतनगर से 1952 जब से जसवंतनगर विधानसभा सीट अस्तित्व में आई तब से लेकर अब तक जीतने वाले और हारने वाले प्रत्याशी यादव ही रहे हैं. जसवंतनगर सीट से सपा के दबदबे को ऐसे समझा जा सकता है कि 9 बार मुलायम सिंह 1967 से यहां से चुनाव लड़े. 1969 में कांग्रेस के चौधरी विशंभर सिंह यादव और 1980 में कांग्रेस के बलराम सिंह यादव ने मुलायम सिंह को मात दी.
जसवंत नगर सीट से सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने राजनीति की शुरुआत जसवंतनगर से ही की थी. पहली बार 1967 में विधानसभा चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे और इसी सीट की बदौलत मुलायम सिंह यादव मुख्य मंत्री और रक्षा मंत्री जैसे पदों पर काबिज हुए. मुलायम सिंह यादव इस सीट पर 9 बार चुनाव लड़े और दो बार यहां से चुनाव हारे. मुलायम सिंह यादव 1967 से लेकर 1993 तक जसवंतनगर सीट से 7 बार विधायक चुने गए. इसके बाद उन्होंने यह सीट अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव को दे दी. शिवपाल सिंह ने 1996 से लेकर 2017 तक समाजवादी पार्टी के टिकट पर लगातार अभी तक 5 बार विधायक चुने गए. वहीं शिवपाल सिंह यादव इस बार छठी बार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरे हैं.
लगाए जा रहे ये कयास
कांग्रेस पार्टी के द्वारा जसवंत नगर सीट पर कोई भी प्रत्याशी ना उतारे जाने को लेकर कयास लगाये जा रहे हैं कि समाजवादी पार्टी का मजबूत किला जसवंतनगर से कांग्रेस फाइट करने के स्थिति में नहीं हैं जिस कारण यहां पर कांग्रेस के द्वारा कोई प्रत्याशी नहीं उतारा गया. इस मामले पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष और जसवंत नगर से विधानसभा सीट के दावेदार मलखान सिंह यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि किस नेतृत्व के फैसले के अनुसार अब तक कोई प्रत्याशी नहीं है कि हम कांग्रेसियों ने इस सीट पर बूथ लेवल पर काम किया है और लगभग 11 लोगों ने इस सीट पर चुनाव लड़ने का आवेदन भी किया था. हमारी पूरी तैयारी थी लेकिन पार्टी आलाकमान की तरफ से हरी झंडी न मिलने के चलते कोई केंडिडेट नहीं उतर सका. जसवंत नगर सीट से वर्तमान कांग्रेस जिला अध्यक्ष मलखान सिंह यादव, सुमन, मनजीत शाक्य, चंद्रशेखर, अरुण यादव, यादवेंद्र सिंह यादव, ममता सहित अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आवेदन किया था. अब जबकि कोई प्रत्याशी नहीं उतरा है तब चुनाव में क्या शिवपाल को करेंगे वोट इसके पत्ते अभी ज़िलाध्यक्ष ने नही खोले लेकिन जिस तरह चाचा शिवपाल के विरुद्ध प्रत्याशी नही उतरा है उससे तो शिवपाल यादव को वाक ओवर देना ही माना जा रहा है.
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