UP Election 2022: चुनाव आते ही नेताओं के पार्टी बदलने का सिलसिला जारी है. जो जहां फायदा देख रहा है उसी पार्टी में शामिल हो जा रहा है. आज कांग्रेस नेता बरेली के पूर्व सांसद और मंत्री रह चुके प्रवीण सिंह ऐरन अपनी पत्नी पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन के साथ साइकिल पर सवार हो गए. लखनऊ में अखिलेश यादव की मौजूदगी में ऐरन दंपत्ति ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली. इसी के साथ अखिलेश यादव ने सुप्रिया ऐरन को बरेली कैंट विधानसभा से प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
प्रवीण सिंह ऐरन दो बार विधायक और सांसद रह चुके हैं. वो दो बार मंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं. प्रवीण सिंह ऐरन पहली बार 1989 में जनता दल से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. उसके बाद वो तिवारी कांग्रेस में शामिल हुए. यहां पर ऐरन ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सके और 1993 में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. 1993 से 1995 तक राज्य मंत्री विज्ञान और सूचना प्रौद्योगिकी रहे और 1995 में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी रहे. 2009 में प्रवीण सिंह ऐरन कांग्रेस से लोकसभा का चुनाव लड़े और भाजपा के संतोष गंगवार को हराने में कामयाब रहे. अब एक बार फिर से ऐरन समाजवादी साइकिल पर सवार हो गए हैं.
लखनऊ में अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि ऐरन दंपत्ति अब समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. अखिलेश यादव के साथ में प्रेस कांफ्रेंस में प्रवीण सिंह ऐरन और सुप्रिया ऐरन दोनों मौजूद रहे. वहीं सुप्रिया ऐरन के कैंट से चुनाव लड़ने से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कैंट में सपा और भाजपा के बीच अब कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा. भाजपा ने यहां से प्रदेश सहकोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल को टिकट दिया है. कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन और उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन के समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केबी त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि सपा पर मुझे तरस आ रहा है, सपा में उम्मीदवारों का अकाल पड़ गया है. वहीं कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला ने कहा कि प्रवीण सिंह ऐरन और उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन के पार्टी से जाने से कांग्रेस शुद्ध हुई है.
सपा में उम्मीदवारों का अकाल पड़ गया- केवी त्रिपाठी, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस
कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन और उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन के समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केबी त्रिपाठी ने समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए कहा कि कैंट सीट कांग्रेस जीत रही थी कांग्रेस दोबारा फिर कैंट सीट जीतेगी. कैंडिडेट से कोई फर्क नहीं पड़ता जो मतदाता हैं वह कांग्रेस की नीतियों से जुड़ा हुआ है. राजनीति में चेहरा महत्वपूर्ण नहीं होता भारतीय राजनीति में पार्टी महत्वपूर्ण होती है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी इस मामले पर विचार करेगी. विपक्षी पार्टियों के पास न उम्मीदवार है ना विचारधारा है, वह इसलिए कांग्रेस के लोगों को अपने साथ ले जा रहे हैं. समाजवादी पार्टी पर मुझे तरस आ रहा है कि ऐसा क्या हुआ कि सपा में अकाल पड़ गए जो उन्हें कैंट से कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा था जो हमारे घोषित प्रत्याशी को अखिलेश जी अपने साथ ले गए. अखिलेश जी को अगर ऐसा लगता है कि अगर वो कांग्रेस का प्रत्याशी ले जाएंगे तो जीत जायेंगे तो ऐसा नहीं होगा. कांग्रेस कैंट सीट जीतेगी.
सबसे बड़े दलबदलू नेता हैं प्रवीण सिंह ऐरन, उनके जाने से पार्टी शुद्ध हुई- अजय शुक्ला
महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय शुक्ला ने प्रेस वार्ता में कहा कि चुनावी माहौल में आयाराम-गयाराम की राजनीति लगी रहती है, प्रवीण सिंह ऐरन बरेली जिले के सबसे ज्यादा पार्टी बदलने वाले नेता हैं आज वे चौथी पार्टी में गए हैं. यह दर्शाता है कि ऐरन दंपति केवल निजी स्वार्थ के लिए राजनीति करते हैं ना कि समाज की सेवा के लिए. प्रवीण सिंह ऐरन ने लगातार कांग्रेस पार्टी को अपने इर्दगिर्द रखने की कोशिश की और जब हमारी नेता प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बल मिलना शुरू हुआ तो ये घबरा गए. कांग्रेस पार्टी के ही बलबूते पर प्रवीण सिंह ऐरन सांसद रहे इनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन मेयर बनी लेकिन उसके बावजूद इन्होंने न कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया न कभी उनके साथ खड़े दिखे. जिसका परिणाम यह हुआ कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने 2017 के विधानसभा चुनाव उसके बाद मेयर के चुनाव में इनका टिकट काटने का काम किया, जिसके बाद इन्होंने मेयर के चुनाव में मेरे खिलाफ प्रचार किया और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी ऐरन दंपति ने टिकट न मिलने पर पार्टी के प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचाया.
प्रवीण सिंह ऐरन व सुप्रिया ऐरन के जाने से आज पार्टी के कार्यकर्ता खुद को आजाद महसूस कर रहे हैं और पार्टी आने वाले विधानसभा चुनाव में मजबूती से लड़ेगी व जनपद के सभी कांग्रेसी खुद को सम्मानित महसूस कर रहे हैं. अजय शुक्ला ने कहा कि पार्टी नेतृत्व कार्यकर्ताओं के फीडबैक के आधार पर इनके टिकट पर पुर्नविचार हो रहा था, जिससे डर कर ये हताशा व निराशा स्वरूप समाजवादी पार्टी में भाग गए. इस दौरान AICC सदस्य प्रेम प्रकाश अग्रवाल, योगेश जौहरी, AICC सदस्य नवाब मुजाहिद हसन खां, हर्ष बिसारिया, विजय मौर्या, तबरेज खान, मोईद खान, डॉ सरवत हुसैन, अनिल देव त्रिवेदी, हाजी ज़ुबैर, मुन्ना कुरैशी, नासिर अब्बासी आदि लोग उपस्थित रहे. वहीं दूसरी ओर सपा नेताओं ने ऐरन दंपत्ति के समाजवादी पार्टी में शामिल होने पर जश्न मनाया. सपा नेताओं ने आतिशबाजी की और एक दूसरे को मिठाई खिलाई. बरेली कैंट विधानसभा में 372239 मतदाता हैं. वहीं मुस्लिम मतदाता करीब डेढ़ लाख है. मुस्लिम मतदाता यहां के समीकरण बदलने के लिए पर्याप्त है.
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