UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के छठे चरण के चुनाव में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. इनमें से एक यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) का भी नाम है जिनके भाग्य का फैसला 3 मार्च को ईवीएम में कैद हो जाएगा.

 

अजय लल्लू लगातार दो बार साल 2012 और साल 2017 में तमकुहीराज से विधायक हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyaka Gandhi Vadra) ने भी उनके लिए जनसभा की थी, जिसके बाद वो उनके साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर सेवरही कस्बे में भी घूमी थीं. अजय लल्लू का दावा कि वो इस बार हैट्रिक लगाने के लिए लड़ रहे हैं और वो जीत भी हासिल करेंगे, लेकिन जनता फिलहाल अपने पत्ते खोलने को राजी नहीं है.

 

तमकुहीराज  विधानसभा का जातीय समीकरण
कुशीनगर का तमकुहीराज विधानसभा बिहार बॉर्डर से सटी हुई है. यहां के जातीय समीकरण की बात करें तो तमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र में कुल 3 लाख 99 हजार 82 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 2 लाख 10 हजार 167 और महिला मतदाता की संख्या 1लाख 88 हजार 872 हैं.

 

अजय कुमार लल्लू, मद्धेशिया (बनिया) बिरादरी से आते हैं. एक अनुमान के अनुसार यहां पर ब्राह्माण 8 %, क्षत्रिय 8 %, भूमिहार 4 %, यादव 8 %, कुशवाहा 7 %, सैंथवार 8, मल्लाह 4 %, जायसवाल 8 %, निषाद 6 %, राजभर 6 %, अन्य पिछड़ी जातियां 10 % , अनुसूचित जातियां 12 व मुस्लिम 11 % हैं. 

 

सपा-बसपा और भाजपा से कड़ी टक्कर
साल 2017 विधानसभा चुनाव की बात करें तो कांग्रेस और सपा के गठबंधन में चुनाव हुआ था. उस समय अजय लल्लू को 61,211 वोट मिले थे. गठबंधन के बाद भी अजय लल्लू महज 6000 वोटों से ही विजयी हो पाए थे.

 

अजय लल्लू पिछड़ी जाति से आते हैं लेकिन इस बार 2022 के चुनाव में समीकरण अलग नजर आ रहा है. सपा ने भी पिछड़ी जाति के ब्लाक प्रमुख उदय नारायण गुप्ता को अपना प्रत्याशी बनाया है, भाजपा से असीम कुमार राय और बसपा से संजय गुप्ता उनके खिलाफ मैदान में ताल ठोक रहे हैं.
  

 

क्यों मुश्किल है अजय लल्लू की राह

यहां के जातीय समीकरण के हिसाब से इस बार अजय लल्लू की राह उतनी आसान नहीं नजर आ रही है, जिसके आधार पर वो अब तक जीत हासिल करते आए हैं. इस बार पिछड़ी जाति के मतदाता बंटते नजर आ रहे हैं. सपा से भी पिछड़ी जाति के उम्मीदवार लड़ रहे हैं. जिससे इनके वोटर्स बंटते हुए दिखाई दे रहे हैं.

 

अनुसूचित जाति और मुस्लिम मतदाता में भी बिखराव देखने को मिल रहा है. बसपा ने भी इस बार पिछड़ी जाति से संजय गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. भाजपा से इस बार सामान्य जाति के नए प्रत्याशी असीम राय चुनाव लड़ रहे हैं जो पेशे से डॉक्टर हैं.