UP Election 2022: प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा के मऊदारा निवासी गुलशन यादव तीन भाइयों में बड़े हैं. पिता का नाम सुंदर लाल यादव और परिवार किसान है. गुलशन से छोटे छविनाथ यादव सपा के जिलाध्यक्ष हैं और जेल में होने के बावजूद पार्टी ने पद पर बरकरार रखा है. राजनीति की शुरुआत दोनों भाइयों ने सूबे के बाहुबली नेता राजा भैया की सरपरस्ती में शुरू की. देखते ही देखते साल 2011 में गुलशन यादव कुंडा टाउन एरिया के अध्यक्ष बन गए हालांकि पिछले चुनाव में राजा भैया के विरोध के बावजूद गुलशन की पत्नी चुनाव जीती और आज कुंडा टाउन एरिया की अध्यक्ष हैं. चुनाव के दौरान गुलशन यादव जेल में थे और छविनाथ के हाथ प्रचार की कमान थी.


राजा भैया बनाम गुलशन में शह और मात का खेल


बसपा सरकार में राजा भैया के खिलाफ पोटा लगा था. गवाह राजेन्द्र यादव की सनसनीखेज हत्या गुलशन ने कर दी. वारदात के बाद पहली बार चर्चा में आये और राजा भैया के खास सिपहसालार बन गए. सीओ जियाउल हक हत्याकांड में भी गुलशन और छविनाथ राजा भैया के साथ सह आरोपी बनाए गए थे. इस मामले में सभी लोगों को सीबीआई की ओर से क्लीन चिट मिल गई थी. राजा भैया के ही करीबी रहे पुष्पेंद्र सिंह पर जानलेवा हमला मामले में जेल गए थे. यहीं से दोनों नेताओं में टकराव बढ़ता गया और रास्ते जुदा हो गए. कई साल बाद गुलशन यादव जेल से छूट कर आये विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए. हालांकि इसी बीच गुलशन के छोटे भाई और सपा जिलाध्यक्ष छविनाथ यादव मौजूदा समय में जेल में होने के बावजूद पार्टी ने पद पर बरकरार रखा है. अब इस चुनाव में राजा भैया के सामने गुलशन यादव कितनी दमदारी से चुनाव लड़ते हैं, ये तो रिजल्ट के बाद ही पता चलेगा. फिलहाल मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है क्योंकि दोनों ही नेता एक दूसरे की चालों को बखूबी जानते हैं. दोनों के बीच शह और मात का खेल भी जारी है. बताना जरूरी है कि ज्यादातर चुनाव राजा भैया सपा के सहयोग से लड़ते आए हैं लेकिन इस बार एक बार फिर अकेले दम पर अपनी पार्टी जनसत्ता दल की बेहतर परफॉर्मेंस दिखाने का भी दबाव है.


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