UP Election 2022: हाथरस रेप कांड के पीड़ित परिवार ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने से साफ इंकार कर दिया है. 19 वर्षीय हाथरस रेप और हत्या पीड़िता के परिवार ने कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, पीड़िता के भाई ने कहा कि वे राजनीति के बारे में सोच भी नहीं सकते हैं क्योंकि बहन के लिए न्याय मांगना उनकी पहली प्राथमिकता है न की चुनाव लड़ना. बता दें कि कांग्रेस ने पीड़ित परिवार को टिकट देकर चुनाव लड़ाने की बात कही थी.


सिर्फ बहन को न्याय दिलाना है मकसद- पीड़ित परिवार


पीड़िता के छोटे भाई ने कहा कि , ‘’मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. डेढ़ साल हो गया, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला. इसलिए हम चुनाव नहीं लड़ सकते.’’ उन्होंने कहा कि तक किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है. हमारा मकसद सिर्फ बहन को न्याय दिलाना है,  अगर कोई हमसे संपर्क करना चाहता है, तो उसका स्वागत है. लेकिन अभी तक हमसे किसी ने संपर्क नहीं किया है." वहीं उन्नाव रेप पीड़िता की मां को टिकट देने के कांग्रेस के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उस मामले में फैसला सुनाया जा चुका है और आरोपी को दोषी ठहराया गया है.


गौरतलब कि यूपी में हाथरस जिले के चंदपा गांव में 14 सितंबर 2020 को दलित लड़की के साथ गैंगरेप की घटना हुई और आरोपियों ने उसपर जानलेवा हमला भी किया. बाद में पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई. इस घटना के बाद विपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर हो गया.


कांग्रेस ने 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने की घोषणा की है


वहीं टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक यूपी कांग्रेस महासचिव श्याम सुंदर उपाध्याय ने बताया कि, "इस संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन पार्टी की रणनीति लोगों को सशक्त बनाने और अपने अधिकारों के लिए लड़ने और दूसरों की भी मदद करने के लिए टिकट देना है." गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा  ने महिला शक्ति को रेखांकित करने के लिए 'लड़की हूं लड़ शक्ति हूं' का नारा दिया है और घोषणा की है कि पार्टी महिलाओं को 40% टिकट देगी. 125 उम्मीदवारों की पहली सूची में कांग्रेस ने 50 महिलाओं को टिकट दिया है.


यूपी में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच होने हैं चुनाव


बता दें कि प्रियंका गांधी  अपने भाई राहुल गांधी के साथ, दिल्ली के एक अस्पताल में पीड़िता की मौत के कुछ दिनों बाद अक्टूबर 2020 में हाथरस में रेप और हत्या पीड़िता के परिवार से मिलने गई थीं. गांधी भाई-बहनों ने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन देते हुए कहा था कि उन्हें न्याय और सच्चाई के लिए खड़े होने से कोई नहीं रोक सकता. गौरतलब है कि  यूपी में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच सात चरणों में मतदान होगा और नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.


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