क्या अखिलेश यादव से नाराज हैं जयंत चौधरी? सपा-RLD में सीट शेयरिंग को लेकर आई बड़ी खबर
UP Elections: एक हफ्ते से जयंत ने चुनावी कार्यक्रमों से दूरी बना रखी है. जयंत 36 से 40 सीटों की मांग कर रहे हैं जबकि अखिलेश 28 सीट ही देना चाहते हैं.
UP Assembly Election 2022: यूपी में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी के बीच सबकुछ ठीक ठाक नहीं है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सीट बंटवारे पर जयंत चौधरी अखिलेश से नाराज हैं. एक हफ्ते से जयंत ने चुनावी कार्यक्रमों से दूरी बना रखी है. जयंत 36 से 40 सीटों की मांग कर रहे हैं जबकि अखिलेश 28 सीट ही देना चाहते हैं.
बता दें कि पिछले साल चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद जयंत चौधरी के सामने अपनी पार्टी के खोते जनाधार को बचाने की चुनौती है. किसान आंदोलन ने जयंत को वो मौका भी दिया. जंयत पिछले एक साल से जिस तरह आंदोलनकारियों के साथ खड़े रहे उससे भी इन्हें खूब सहानभूति मिली. अब जयंत को लगता है कि पश्चिमी यूपी में जाट-सिख और मुस्लिमों की लामबंदी के बदौलत आरएलडी फिर से अपनी खोई ताकत जुटा चुकी है और इसीलिए जंयत अब इसका भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं.
इन सीटों पर है जयंत चौधरी की निगाह
दरअसल, वेस्ट यूपी के मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़ के छह मंडल में 26 जिले हैं, जहां 136 विधानसभा सीटे हैं और इन सीटों पर जाटों का खासा प्रभाव है और वही निर्णायक भूमिका निभाते आये हैं. जयंत चौधरी की निगाह इन्हीं सीटों पर है और वे चाहते थे कि इनमें से अधिकांश सीटों पर आरएलडी के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ें.
अगर बात करें गठबंधन की तो आरएलडी 2002 के चुनाव में BJP के साथ गठजोड़ कर चुनावी मैदान उतरी. इस दौरान आरएलडी को 14 सीटों पर जीत मिली जबकि दो प्रतिशत वोट हासिल हुए. साल 2007 में आरएलडी अकेले चुनावी मैदान में उतरी. इस चुनाव में आरएलडी ने 10 सीटों पर जीत हासिल की जबकि वोट प्रतिशत दो से बढ़कर चार पर पहुंच गया. 2012 के चुनाव में आरएलडी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनावी मैदान में उतरी. इस दौरान उसे नौ सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि वोट दो प्रतिशत मिले. वहीं एक बार फिर साल 2017 में आरएलडी ने अकेले चुनाव लड़ा जिसमें 1 सीट पर जीत हासिल की जबकि दो प्रतिशत वोट मिले.
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