UP Election 2022: बसपा से निष्काषित होने के बाद सपा में शामिल हुए दो पूर्व दिग्गज नेता लालजी वर्मा और राम अचल राजभर की विधानसभा पहुंचने की राह आसान नहीं दिख रही है. बदलते समीकरण में दोनों नेता बसपा और भाजपा के संभावित प्रत्यशियों से घिरते नजर आ रहे हैं. वहीं सपा में पहले से टिकट की आस लगाए लोग इन नेताओं की राह में और कठिनाई बढ़ा सकते हैं.
लालजी वर्मा और राम अचल राजभर रह चुके हैं 5 बार विधायक
लालजी वर्मा और राम अचल राजभर की गिनती बड़े और कद्दावर नेताओं में होती है. लालजी वर्मा और राम अचल राजभर 5-5 बार बसपा की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं औऱ तीन बार मायावती की कैबिनेट में शामिल रहे हैं. राम अचल राजभर अकबरपुर से तो लालजी वर्मा पहले टांडा और अब कटेहरी से. लेकिन समय बदला तो सियासत बदली जो वोटर 2017 के विधानसभा चुनाव में इन नेताओं को जिताने के लिए जी जान लगा रहे थे वहीं वोटर इस बार इनको हराने के लिए काम करते नजर आएंगे .
सपा के दावेदार बिगाड़ सकते हैं इनका खेल
लालजी वर्मा और राम अचल राजभर बसपा से सपा में आ गये और माना जा रहा है कि यही लोग सपा की टिकट पर चुनाव भी लड़ेंगे. कटेहरी विधानसभा में शंखलाल मांझी और जयशंकर पांडये पिछले पांच साल से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं औऱ लोगों के सुख-दुख में शामिल हो रहे हैं. शंखलाल मांझी 2012 में यही से विधायक औऱ फिर मंत्री बने थे. मांझी निषाद विरादरी से आते हैं जिनका अच्छा खासा वोट कटेहरी विधानसभा में है अब अगर लालजी वर्मा टिकट पाएंगे तो जयशंकर पांडेय औऱ मांझी के समर्थक नाराज होकर दूसरे दल में जा सकते हैं और इनका गणित बिगाड़ सकता है.
इसी तरह अकबरपुर विधानसभा में सपा के कदद्दावर नेता राममूर्ति वर्मा पिछले तीन बार से चुनाव लड़ रहे हैं और 2012 में यहीं से विधायक बन मंत्री बने थे, इस बार भी वह तैयारी कर रहे थे और लोगों के सुख दुख में शामिल होते रहे अगर सपा उनका टिकट काटकर रामअचल राजभर को देती है तो राममूर्ति वर्मा के समर्थकों की नाराजगी देखने को मिल सकती है जो इन नेताओं के जीत में रोड़ा बन सकती है.
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