UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के समीक्षा को लेकर चुनाव आयोग की टीम तीन दिनों तक लखनऊ में रही. 48 घंटे के अपने इस दौरे में आयोग ने अलग-अलग तकरीबन सात से ज्यादा बैठकें कीं. राजनीतिक दलों से उनके सुझाव लिए, इंफोर्समेंट एजेंसियों के साथ बैठक की. सभी जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों और एसपी के साथ मीटिंग कर चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था को पुख्ता बनाने के लिए निर्देश दिए. 


ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे को लेकर भी चुनाव आयोग ने समीक्षा की और दौरे के आखिरी दिन मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ भी अधिकारियों ने बैठक की. इन बैठकों के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने आज लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. चीफ इलेक्शन कॉमिशनर सुशील चंद्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल 14 मई को खत्म हो रहा है. यहां 403 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें 84 एससी के लिए और दो एसटी के लिए रिज़र्व हैं. चुनाव आयोग प्रदेश में निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और कोविड मुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है.


मुख्य चुनाव आयुक्त ने कही ये बात


सुशील चंद्रा ने कहा कि हमने पहले राजनीतिक दलों के साथ बैठक की, उनसे सुझाव लिए. फिर हमने इंफोर्मेन्ट एजेंसियों और सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और ssp के साथ बैठक की. सभी दलों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चुनाव समय से कराने की मांग की. कुछ लोगों ने रैलियों में भीड़ को लेकर भी अपनी चिंता व्यक्त की. साथ ही कुछ दल के लोगों ने प्रशासनिक लोगों के दबाव में भी होने की बात कही. ये भी जानकारी दी कि राज्य में अभी मतदाताओं की संख्या 15 करोड़ से अधिक है. मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद भी नाम जोड़े या हटाये जा सकते हैं. 52.8 लाख नए वोटर जुड़े हैं, जिसमें 19.89 लाख 18 वर्ष के ऊपर के नए मतदाता हैं. उन्होंने  कहा कि 2017 में 1000 पुरुषों पर 839 महिला वोटर थीं,  जो अब बढ़कर 868 हो गयी हैं.


मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि प्रदेश में 10 लाख 64 हज़ार 264 दिव्यांग मतदाता हैं. 80 वर्ष से अधिक मतदाताओं को, दिव्यांगजनों को और कोविड पेशेंट का वोट चुनाव आयोग की टीम घर जाकर कास्ट कराएगी. 15 सौ लोगों पर एक बूथ होता था. लेकिन इस बार 1250 मतदाता एक बूथ पर जाएंगे. इस तरह 11 हजार मतदान केंद्र बढ़ गए हैं. अब 1 लाख 74 हजार 351 मतदान स्थल हैं. 4030 मॉडल बूथ बनाये जाएंगे. सभी बूथों पर evm और vvpat मशीन लगाई जाएगी. एक लाख मतदान स्थलों पर वेब कास्टिंग होगी. 


सुशील चंद्रा ने यूपी में कम वोटिंग परसेंटेज पर चिंता भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि 2017 में मतदान प्रतिशत 61 फीसदी था. साल 2019 में ये घटकर 59 फीसदी हो गया. ये हमारे लिए एक चिंता का विषय है. यूपी में अभी ओमिक्रोन का कोई ज्यादा प्रभाव नहीं है. ड्यूटी पर वहीं लोग तैनात होंगे, जो पूरी तरह से वैक्सीनेट होंगे.


ये भी पढ़ें-


UP Election 2022: यूपी में मतदान का समय 1 घंटा बढ़ाया गया, जानिए- चुनाव आयोग ने और क्या-क्या फैसले लिए हैं


UP Election 2022: यूपी चुनाव से पहले सपा को लगा बड़ा झटका, कांग्रेस में शामिल हुए ये नेता