UP Assembly Election 2022: बहुजन समाज पार्टी (BSP) अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने बुधवार को उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी साल 2007 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की उपलब्धि दोबारा हासिल करेगी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) अध्यक्ष अखिलेश यादव के सरकार बनाने के तमाम ख्वाब धरे के धरे रह जाएंगे. बसपा अध्यक्ष ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनके उस बयान के लिए धन्यवाद किया जिसमें उन्होंने बसपा की प्रासंगिकता बरकरार रहने का जिक्र किया था.


मायावती ने वोट डालने के बाद संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि आगामी 10 मार्च को जब विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होंगे तब बसपा साल 2007 की ही तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी. मुस्लिम मतदाताओं का सपा को समर्थन मिलने के अखिलेश यादव के दावे के बारे में पूछे जाने पर मायावती ने कहा कि ''गांव जाकर आप वास्तविकता का आकलन कर सकते हैं. धार्मिक अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम वर्ग के लोग समाजवादी पार्टी की कार्यप्रणाली से बहुत नाराज हैं. उनमें से ज्यादातर का मानना है कि वे पिछले पांच सालों के दौरान सपा के साथ रहे लेकिन जब टिकट बंटवारे का वक्त आया तो उसने उन सीटों पर दूसरों को टिकट दे दिया, जहां पर वे सालों से काम कर रहे थे. आखिर मुस्लिम मतदाता ऐसी पार्टी को वोट क्यों देंगे जिससे वे खुश ही नहीं हैं.'' 


केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा एक इंटरव्यू में बसपा की प्रासंगिकता बरकरार रहने संबंधी बयान के बारे में पूछे गए एक सवाल पर मायावती ने कहा, "यह उनकी महानता है कि वह सच को स्वीकार कर रहे हैं. मैं उन्हें यह भी कहना चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश में बसपा को न सिर्फ दलितों और मुसलमानों बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग और अगड़ी जातियों के भी वोट मिल रहे हैं." शाह ने पिछले दिनों कहा था, "बसपा ने अपनी प्रासंगिकता बनाए रखी है. हमारा मानना है कि उसे वोट मिलेंगे, मुझे नहीं पता कि वह कितनी सीटें पाएगी, लेकिन उसे वोट जरूर मिलेंगे." इस सवाल पर कि क्या वह सोचते हैं कि जाटव वोट बैंक बसपा के साथ है, शाह ने यह भी कहा था कि बहुत सारी सीटों पर मुसलमान भी बसपा का सहयोग करेंगे.


लोगों ने सपा को खारिज कर दिया है- मायावती
इस बार जाटव वोट में सेंध लगाने के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के दावों के बारे में मायावती ने कहा कि ''जाटवों का वोट हासिल करना एक सपना ही रहेगा. अखिलेश को पहले तो यह सोचना चाहिए कि उन्हें अपनी यादव बिरादरी का ही पूरा वोट मिल रहा है या नहीं.'' उन्होंने आरोप लगाया कि ''अखिलेश, 'नकली अंबेडकरवादी' हैं. हमें याद है कि उन्होंने किस तरह से दलित गुरुओं और महापुरुषों के नाम पर बनाए गए जिलों और योजनाओं के नाम बदल दिए थे.'' 


उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि ''समाजवादी पार्टी अगली सरकार बनाने का सपना देख रही है लेकिन उसका यह ख्वाब धरा का धरा रह जाएगा. सभी जानते हैं कि सपा जब सत्ता में होती है तो दलितों, पिछड़ों, गरीबों और ब्राह्मणों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाता है. सपा के शासन में दंगे होते हैं और मुजफ्फरनगर का दंगा इसका उदाहरण है. चुनाव के नतीजे आने से पहले ही लोगों ने सपा को खारिज कर दिया है.''


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