UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर समाजवादी पार्टी में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से चार सीटों पर सपा के बागियों ने ही अखिलेश यादव की मुसीबत बढ़ा दी हैं. लखनऊ की मोहनलाल गंज, मलिहाबाद, सरोजनी नगर और बीकेटी सीट पर सपा के कद्दावर नेताओं का टिकट कट गया जिससे नाराज इन नेताओं ने अलग पर्चा भर दिया है. जाहिर है कि इन चुनावों में इसका असर समाजवादी पार्टी पर ही देखने को मिलेगा. ये चारों सीटें लखनऊ ग्रामीण क्षेत्र की है.
मोहनलालगंज सीट
मोहनलालगंज सीट से सपा के मौजूदा विधायक अंबरीश पुष्कर का टिकट काटकर सुशीला सरोज को दे दिया है, जिससे नाराज अंबरीश ने निर्दलीय नामांकन कर दिया. अंबरीश की इस इलाके में अच्छी पकड़ रही है. 2017 में मोदी की लहर में भी उन्होने जीत दर्ज की थी. वहीं सुशीला सरोज यहां से सांसद रही है. ऐसे में अगर अंबरीश अपना नामांकन नहीं वापस लेते हैं तो फिर इसका नुकसान चुनाव में हो सकता है.
मलिहाबाद सीट
मलिहाबाद सीट की बात करें तो इस सीट पर सपा ने पूर्व विधायक इंदल रावत का टिकट काटकर यहां के व्यापारी सोनू कन्नौजिया को मैदान में उतार दिया. इसके बाद इंदल रावत बगावत पर उतर आए और उन्होंने सपा को छोड़कर कांग्रेस पार्टी का हाथ पकड़ लिया. इंदल अब कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं. इंदल रावत को यहां का एक मजबूत चेहरा माना जात है, उनके बागी तेवर सपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
सरोजिनी नगर सीट
लखनऊ की सरोजिनी नगर सीट काफी सुर्खियों में रही हैं. बीजेपी से इस सीट पर स्वाति सिंह और उनके पति दोनों दावेदारी ठोक रहे थे लेकिन बीजेपी ने दोनों का टिकट काटकर राजेश्वर सिंह को टिकट दे दिया. वहीं सपा ने भी यहां से तीन बार के पूर्व विधायक शारदा प्रताप शुक्ला का टिकट काट दिया और निर्दलीय नामांकन भर दिया है. सपा ने यहां से अभिषेक मिश्रा को टिकट दिया है. शारदा प्रताप शुक्ला मुलायम सिंह के काफी करीबी माने जाते थे और पार्टी का बड़ा ब्राह्मण चेहरा रहे हैं. इस सीट पर उनकी पकड़ भी काफी अच्छी रही है. सालों से वो यहां पर काम करते आए हैं.
बीकेटी सीट
बीकेटी सीट से सपा के पूर्व विधायक राजेंद्र यादव का टिकट काटकर गोमती यादव को अपना उम्मीदवार बनाया. जिसके बाद राजेन्द्र यादव भी नाराज हो गए और उन्होंने अलग ताल ठोकना शुरू कर दिया. इस तरह से सपा के दो दिग्गज इस सीट पर आमने-सामने आ जाएगें. अगर ऐसा हुआ तो यहां पर भी सपा के वोट बंटने का खतरा मंडराने लगा है.
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